नई दिल्ली: भारत के शीर्ष वायरोलॉजिस्टों में से एक गगनदीप कांग ने कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर ज्यादा चिंता करने की बात नहीं है. उन्होंने बताया कि यह वेरिएंट थोड़ा तेजी से फैलता है, लेकिन यह अधिक गंभीर बीमारी का कारण नहीं लगता है.


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गगनदीप कांग ने मुंबई में कोरोना के नए वेरिएंट 'एक्सई' की खोज के बारे में कहा, ''हम गंभीर बीमारियों के बारे में अधिक चिंतित हैं, और अगर ऐसा नहीं हो रहा है, तो मुझे लगता है कि हमें इसे ट्रैक करना चाहिए, लेकिन इसके बारे में ज्यादा चिंता न करें.''


जानें इंसाकॉग के बारे में
हालांकि, सार्स-कोव-2 जेनोमिक्स सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (इंसाकॉग) ने 'एक्सई' वेरिएंट का पता लगाने से इनकार करते हुए कहा है कि यह वेरिएंट 'एक्सई' वेरिएंट की जीनोमिक स्किवेंसिंग से संबंधित नहीं है.


इंसाकॉग भारत में कोविड-19 के जिनोम सिक्वेंसिंग एंड वायरस वेरिएशन और इसके अलग-अलग स्ट्रेन के अध्ययन और निगरानी करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थापित मंच है.


नए वेरिएंट को लेकर गगनदीप कांग के विचार 
कांग ने कहा कि इंसाकॉग का कहना है कि अगर यह वास्तव में 'एक्सई' है, फिर भी हमें इसके बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि जब भी हम एक नया वेरिएंट देखते हैं, तो महत्वपूर्ण बात यह है कि देश के लिए इसके क्या निहितार्थ हैं - क्या यह एक नई लहर शुरू करने जा रहा है, क्या लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ने वाले हैं आदि.


ओमिक्रॉन की तुलना में एक्सई वेरिएंट में 10 प्रतिशत अधिक संचरण क्षमता का दावा करने वाली रिपोर्टों के बारे में बात करते हुए कांग ने कहा कि ये यूके के निष्कर्ष हैं, क्योंकि वे बहुत सारी सीक्वेंसिंग करते हैं.


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