नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के पीछे बड़ी प्लानिंग दिखाई दे रही है. इसकी एक बानगी बिहार के कद्दावर जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के एक ट्वीट में देखी जा सकती है. जैसे ही नीतीश की तरफ से गठबंधन तोड़ने की खबरें कंफर्म हुईं, वैसे ही उपेंद्र ने एक ट्वीट किया, जो वायरल हो गया है.


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जानिए उपेंद्र कुशवाहा ने क्या ट्वीट किया
इस ट्वीट में उपेंद्र कुशवाहा ने संकेत दे दिए हैं कि नीतीश कुमार के इस्तीफे के पीछे 2024 के लोकसभा चुनावों की बड़ी प्लानिंग हो सकती है. कुशवाहा ने ट्वीट किया- 'नये स्वरूप में नये गठबंधन के नेतृत्व की जवाबदेही के लिए श्री नीतीश कुमार जी को बधाई। नीतीश जी आगे बढ़िए. देश आपका इंतजार कर कर रहा है.'


कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा-'NDA में PM हैं माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी, लेकिन देश भर में व्यक्तित्व के रूप में यदि आकलन किया जाए तो आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी PM बनने के योग्य हैं, आज हमारी दावेदारी नहीं है लेकिन श्री नीतीश कुमार जी PM बनने की हर तरह की योग्यता रखते हैं।'



दरअसल कुशवाहा ने एक परिपक्व राजनेता की तरह की 2024 को लेकर सारी तस्वीर स्पष्ट नहीं की है और न ही कोई सीधा दावा ठोंका है. लेकिन उनकी बातों ने संकेत दे दिया है कि नीतीश कुमार की तरफ से 2024 की लड़ाई लड़ी जा सकती है. 


खुद को एक बड़े विकल्प के रूप में पेश कर सकते हैं नीतीश
अगर संयुक्त विपक्ष की बात करें तो नीतीश कुमार खुद को एक बेहतर विकल्प के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश भी कर सकते हैं. उनके पास राज्य से लेकर राष्ट्रीय राजनीति तक में काम करने का लंबा अनुभव है. लगभग सभी दलों के साथ नीतीश कुमार के बेहतर संबंध रहे हैं. साथ ही लंबे राजनीतिक करियर में नीतीश कुमार पर किसी बड़े घोटाले का दाग नहीं है. 


कैसे रहे हैं नीतीश कुमार के साथ कुशवाहा के रिश्ते? 
बता दें कि नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के राजनीतिक संबंध भी हमेशा सीधी पटरी पर नहीं चले हैं. युवा लोकदल से राजनीति की शुरुआत करने वाले कुशवाहा समता पार्टी और फिर जेडीयू में लंबे समय तक नीतीश के साथ राजनीति करते रहे. लेकिन साल 2013 में उन्होंने नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए रास्ते अलग कर लिए थे. 2013 में ही उन्होंने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी बनाई और बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के साथ हो लिए. 


मोदी सरकार में वो चार साल तक मंत्री रहे. लेकिन यहां भी कुशवाहा ने 2018 में मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए खुद को अलग कर लिया था. उनका कहना था कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार के लिए वादों को पूरा नहीं किया. 


2019 के लोकसभा चुनाव में वो यूपीए का हिस्सा बनकर चुनाव मैदान में उतरे लेकिन दो जगहों से हारे. फिर बिहार विधानसभा चुनाव में कुशवाहा थर्ड फ्रंट का बैनर बनाकर मैदान में उतरे और यहां भी उन्हें बड़ा झटका लगा. 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद कुशवाहा ने अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का विलय जेडीयू में कर दिया. इसके बाद जेडीयू में उन्हें संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था. 


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