आपराधिक प्रक्रिया पहचान विधेयक 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती, केंद्र को नोटिस

कार्यवाहक चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की खंडपीठ ने सरकार को 6 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिये हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 21, 2022, 01:54 PM IST
  • अधिनियम के प्रावधानों से पुलिस को अत्यधिक शक्तियां प्राप्त होंगी
  • याचिकाकर्ता के अनुसार पुलिस जबरन आरोपियों के सैंपल ले सकेगी
आपराधिक प्रक्रिया पहचान विधेयक 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती, केंद्र को नोटिस

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में पेश किये गये आपराधिक प्रक्रिया पहचान विधेयक 2022 को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कार्यवाहक चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की खंडपीठ ने सरकार को 6 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिये हैं.

क्या है याचिकाकर्ता की मांग
याचिकाकर्ता और अधिवक्ता हर्षित गोयल ने जनहित याचिका दायर कर इस अधिनियम की धारा 2(1)(a) (iii), 2(1) (b), 3, 4, 5, 6 और 8 को असंवैधानिक घोषित करने की मांग कि गयी है. याचिका में कहा गया है कि अधिनियम के प्रावधान सामूहिक रूप से व्यक्तिगत स्वतंत्रता, कानून के शासन और राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों का उपयोग करके एक कल्याणकारी राज्य बनाने के आदेश के खिलाफ हैं, जो संविधान की मूल संरचना के भाग हैं, इसलिए इन्हे असंवैधानिक घोषित किया जाए.

याचिका में कहा गया है कि अधिनियम के प्रावधान मनमाने, अत्यधिक अनुचित, असंगत, वास्तविक नियत प्रक्रिया से रहित और भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकारों के साथ-साथ भारत के संविधान की मूल संरचना के खिलाफ है. जिन्हे तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए.

पुलिस को अत्यधिक शक्तियां प्राप्त होंगी
याचिका में कहा गया है कि अधिनियम के प्रावधानों से पुलिस को अत्यधिक शक्तियां प्राप्त होंगी, जिसके जरिए पुलिस दोषियों, गिरफ्तार व्यक्तियों, बंदियों, विचाराधीन कैदियों या किसी भी ऐसे व्यक्ति का जबरन बायोमैट्रिक माप लेना आसान करते हैं जो उन व्यक्तियों की संलिप्तता को स्थापित किए बिना किसी अपराध के संबंध में दूर से शामिल हो सकते हैं. 

याचिका में कहा गया है कि इस अधिनियम के तहत माप में जैविक नमूने, उनका विश्लेषण और व्यवहार संबंधी विशेषताएं भी शामिल हैं, जो कि व्यक्ति के इंकार करने के बाद भी जबरन लिया जा सकता है. इस तरह किसी व्यक्ति को अपने 'माप' के साथ भाग लेने के लिए मजबूर करना वास्तविक नियत प्रक्रिया के मानक का उल्लंघन है, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता को समाप्त करते है.

ये धाराएं हैं कानून का उल्लंघन
याचिका में कहा गया है कि इस अधिनियम की धारा 3 और 5, सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किये गये कानून का खुले तौर पर उल्लघंन करती है. जिसके द्वारा एक अपराधी के साथ साथ एक व्यक्ति की गरिमा में जबरदस्ती और मनमाने ढंग से घुसपैठ करने की अनुमति देता है जो कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार पर स्पष्ट तौर पर हमला है साथ ही संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लघन है

वही केन्द्र सरकार की ओर से अधिवक्ता अमित महाजन ने जनहित याचिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जनहित याचिका में अधिनियम के दायरे को चुनौती नहीं दी जा सकती है और इसलिए याचिका विचारणीय नहीं है. बहस सुनने के बाद खण्डपीठ ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिये हैं. वहीं याचिका के मेंटेबेलेटी पर पर भी याचिकाकर्ता से जवाब मांगा है. मामले की फिर अगल 16 नवंबर को होगी. 

क्या है आपराधिक प्रक्रिया पहचान विधेयक 2022 ?
केन्द्र सरकार की तरफ से लाया गया आपराधिक प्रक्रिया पहचान विधेयक 2022, 120 साल पुराने अपराधियों के पहचान कानून 1920 को रिप्लेस करेगा. आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक लोकसभा द्वारा 4 अप्रैल, 2022 और राज्य सभा द्वारा 6 अप्रैल, 2022 को पारित किया गया है. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 18 अप्रैल को आधिकारिक रूप से ये लागू कर दिया गया है. 

इस विधेयक के कानून बनने से पुलिस को अपराध में आरोपितों और दोषियों के शारीरिक और बायोलाजिकल सैंपल लेने का अधिकार मिल जाएगा. पुलिस को शारीरिक और बायोलाजिकल सैंपल लेने का अधिकार प्रदान करने के अलावा यह कानून मजिस्ट्रेट को किसी अपराध की जांच में मदद के लिए किसी व्यक्ति की माप लेने या तस्वीरें लेने का आदेश देने का अधिकार भी प्रदान करता है. डाटा को सेंट्रल डाटाबेस में एकत्रित किया जाएगा. इस कानून में यह स्पष्ट किया गया है कि डाटा देने का विरोध करने या इन्कार करने को सरकारी अधिकारी के कामकाज में बाधा डालने का अपराध माना जाएगा.

ये भी पढ़िए- जहांगीरपुरी हिंसाः देशभर में विध्वंस पर नहीं लगा सकते हैं रोक, जानें सुप्रीम कोर्ट में किसने क्या कहा

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप. 
 

ट्रेंडिंग न्यूज़