नई दिल्ली: राम नगरी अयोध्या संगीनों के साए में है. क्योंकि 500 साल पुराने इस विवाद में अगले 3 दिनों में फैसला आ सकता है. जिसके देखते हुए अयोध्या में धारा 144 लगा दी गई है तथा सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाने की तैयारी चल रही है.
तीन दिन बाद अयोध्या विवाद पर आ सकता है फैसला
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर लगातार सुनवाई चल रही है. इस मामले में 17 अक्टूबर को फैसला आ सकता है. दरअसल मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई जल्दी ही रिटायर होने वाले हैं, इसलिए संभावना जताई जा रही है कि वह 500 साल पुराने विवाद पर फैसला सुना देंगे. सोमवार को मुस्लिम पक्ष को अपनी दलील पूरी करनी है. जिसके बाद अगले दो दिन यानी 16 अक्टूबर तक का वक्त हिंदू पक्ष को दिया जाएगा. अयोध्या मामले पर 5 जजों की संवैधानिक पीठ विचार कर रही है. इसमें मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के अतिरिक्त न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायामूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर शामिल हैं.
संगीनों के साए में है अयोध्या
17 अक्टूबर को फैसला आने की संभावना को देखते हुए अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त कर दी गई है. राम लला विराजमान के आस पास तथा शहर की गलियों में नए बैरियर लगाए जवान तैनात हैं. शहर में बाहर से आने वालों पर नजर रखी जा रही है. स्थानीय गाडि़यों के लिए पीले कार्ड जारी किए जा रहे हैं. संवेदनशील इलाकों में आवाजाही कम की जा रही है. जिला प्रशासन ने और पुलिस तथा केन्द्रीय बलों की मांग की है. बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में पूरे अयोध्या में लगभग 10 हजार जवान तैनात कर दिए जाएंगे. जिले में 10 दिसंबर तक धारा 144 लगा दी गई है. राम जन्मभूमि, हनुमान गढ़ी, भरत निवास, सीता राजमहल जैसे प्रमुख इलाकों में भारी सुरक्षा इंतजाम हैं. हर गली के सिरे पर बैरिकेड लगा दिए गए हैं.
Ayodhya District Magistrate, Anuj Kumar Jha: Decision to impose Section-144 also taken in consideration of upcoming festivals. https://t.co/LoQmPhPKMA
— ANI UP (@ANINewsUP) October 13, 2019
मंदिर के पक्ष मे हैं मुस्लिम समुदाय के ज्यादातर लोग
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही राम मंदिर निर्माण के लिए माहौल बनना शुरु हो गया है. हाल ही में मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्ध लोगों ने मुस्लिम बुद्धिजीवी इंडियन मुस्लिम फॉर पीस संस्था के बैनर के तहत लखनऊ में बैठक की थी. जिसमें सम्मानित डॉक्टर, इंजीनियर, प्रशासनिक अफसर, शिक्षाविद्, रिटायर्ड जज शामिल हुए. इन बुद्धिजीवियों ने अपने समुदाय से अपील की, कि विवादित स्थल हिंदुओं को सौंप देना मुस्लिम समुदाय के हित में है. हाल ही में अयोध्या में मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ता बबलू खान ने मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों के साथ कारसेवकपुरम में पहुंच कर राम मंदिर निर्माण के लिए तराशी गई शिलाओं की सफाई की. उनका मानना था कि अयोध्या में सिर्फ मंदिर ही बनना चाहिए.
राज्यसभा सांसद ने दिए संकेत
राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने दावा किया है कि अयोध्या में राम मंदिर का ही निर्माण होगा और मुस्लिम समुदाय को भी इस तथ्य का एहसास हो गया है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लिए अच्छा होता कि कोर्ट से मामले पर हार जीत का फैसला आने से पहले अयोध्या के महत्व और सांस्कृतिक विरासत को समझते हुए वे इस स्थान से अपने दावे को छोड़ देते.
राम मंदिर का मॉडल का दर्शन करने वालों की संख्या बढ़ी
अयोध्या के कारसेवकपुरम् में राम मंदिर के मॉडल का दर्शन करने वालों की संख्या पिछले कुछ दिनों में आश्चर्यजनक रुप से बढ़ गई है. यहां 9 फुट ऊंचा, 21 फुट लंबा और 11 फुट चौड़ा राम मंदिर का मॉडल रखा हुआ है. जैसै जैसे सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई आगे बढ़ रही है वैसे वैसे मॉडल का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. लोग जानना चाहते हैं कि राम मंदिर बनने के बाद कैसा लगेगा. इस मॉडल को देखने आने वाले लोगों की संख्या में डेढ़ गुना इजाफा हो गया है.