सीमा पर भारत ने चीन को झुकाया, रक्षामंत्री की तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक खत्म

सीमा पर भारत के दबाव के आगे चीन की हेकड़ी निकल गयी और उसे दबे पांव गलवान घाटी से पीछे भागना पड़ा. भारत धोखेबाज चीन से लगातार सतर्कता बरत रहा है. इसी सम्बन्ध में आज राजनाथ सिंह की तीनों सेनाओं के प्रमुखों से बैठक हुई.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 10, 2020, 06:18 PM IST
    • सीमा पर वर्तमान स्थिति की हुई समीक्षा
    • भारत चीन सीमा पर संवेदनशील स्थानों पर हुआ मंथन
सीमा पर भारत ने चीन को झुकाया, रक्षामंत्री की तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक खत्म

नई दिल्ली: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की आज तीनों सेनाओं के प्रमुखों और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत के साथ वार्ता हुई. भारत और चीन के बीच अप्रैल से चल रहे सीमा विवाद में चीन को झुकाने में भारत कामयाब रहा. गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में  चीन को भारी मात्रा में नुकसान झेलना पड़ा था.

सीमा पर वर्तमान स्थिति की हुई समीक्षा

आपको बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले इलाकों से चीन के सैनिकों के वापस जाने के मद्देनजर सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ शुक्रवार को स्थिति की समग्र समीक्षा की. चीन भारत की कुशल कूटनीति के आगे हार गया और उसे करीब 2 किलोमीटर तक पीछे हटना पड़ा है. 

रक्षा मंत्री ने CDS जनरल बिपिन रावत, थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया तथा अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक में स्थिति की समग्र समीक्षा की और वर्तमान स्थिति की जानकारी ली.

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भारत चीन सीमा पर संवेदनशील स्थानों पर हुआ मंथन

बैठक में हुई चर्चा पर सूत्रों से जानकारी मिली है कि थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने राजनाथ सिंह को पूरे भारत चीन बॉर्डर पर संवेदन शील इलाकों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया. जनरल नरवणे ने गलवान घाटी, गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और पैगोंग सो के फिंगर 4 क्षेत्र से सैनिकों को हटाने के लिए बनी आपसी सहमति के पहले चरण के क्रियान्वयन पर विस्तृत ब्योरा दिया.

चीन को झेलनी पड़ी वैश्विक शर्मिंदगी

उल्लेखनीय है कि भारत के दबाव के आगे चीन की सेना को पीछे हटना पड़ा है. गलवान घाटी में हेकड़ी दिखा रही चीनी सेना को वैश्विक रूप से शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ी है.  सेना प्रमुख ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए क्षेत्र में भारतीय सेना की तैयारियों के बारे में रक्षा मंत्री को जानकारी दी.

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हालात के अलावा अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम के सभी संवेदनशील इलाकों में मौजूदा स्थिति के बारे में भी उन्हें अवगत कराया है. इस उच्चस्तरीय बैठक से पता चला है कि दोनों पक्षों ने अस्थायी कदम के तौर पर गतिरोध वाले तीन इलाकों- गलवान घाटी, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में तीन किलोमीटर का बफर जोन बनाने का काम पूरा कर लिया है.

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