नई दिल्लीः भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने बड़ा कदम उठाते हुए कार्रवाई की है. दिल्ली पुलिस ने भ्रष्टाचार में लिप्त 12 पुलिस कर्मियों को उनकी सेवानिवृत्ति से पहले सेवानिवृत्त कर दिया है. इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ पीओसी एक्ट (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट) के तहत कार्रवाई की गई है. इनमें तीन एसआई, चार हवलदार व चार सिपाही शामिल हैं.
मानी जा रही है पहली बार कार्रवाई
दागी पुलिस कर्मियों के खिलाफ माना जा रहा है कि पहली बड़ा इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है. जिन सभी पुलिस कर्मियों को जबरन रिटायर्ड घोषित किया गया है, उनकी नौकरी के पूरा होने में 2 से 4 साल तक का समय शेष था. इन पुलिसकर्मियों की सूची पिछले दिनों तैयार की गई थी. विभागीय स्तर पर भेजी गई सूची के आधार पर डीसीपी सिक्योरिटी ने इन पुलिसकर्मियों को जबरन सेवानिृवत्त करने का आदेश जारी किया है. इन सभी के खिलाफ आरोप साबित हो गए थे. इसलिए इन्हें समय से पहले सेनानिवृत्त किया गया.
इस नियम के तहत हुई है कार्रवाई
यह कार्रवाई मौलिक नियम (एफआर) 56 (जे)/ सी.सी.एस.(पेंशन) नियम 1972 के नियम-48 के तहत की गई है. इसमें ऐसे पुलिसकर्मियों को एक बार में तीन माह के वेतन और भत्ते का भुगतान करने जैसे कुछ नियम व प्रावधान शामिल हैं.
सूत्रों के मुताबिक, कुछ महीने पहले ही उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी. बैठक में दिल्ली पुलिस को दागी पुलिसकर्मियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए थे. इसके बाद आरोपी पुलिसकर्मियों को चिह्नित करने की प्रक्रिया पिछले कुछ समय से जारी थी.
16 हजार है दागियों की संख्या
इस बैठक के बाद करीब चार महीने से महकमे में पुलिस कर्मियों की कुंडली खंगाली जा रही थी. रिकॉर्ड की जांच की गई तो इसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. पता चला कि करीब 90 हजार पुलिसकर्मियों की फौज में से 16 हजार पर किसी न किसी तरह का आरोप हैं. कार्रवाई की जद में वे पुलिसकर्मी आ रहे हैं, जिन पर लगे आरोप सिद्ध हो गए हैं और उन्हें सजा सुनाई गई है. सूत्रों के अनुसार अन्य दागियों पर भी आरोपों की सत्यता की जांच की जा रही है. कई और भी अधिकारी इस कार्रवाई की जद में आ सकते हैं.
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तीन सदस्यीय कमेटी ने दागियों को चिह्नित किया
विशेष आयुक्त-प्रशासन, सतर्कता सहित तीन सदस्यीय समिति का गठन पुलिस बल में शामिल भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान के लिए किया गया था. इस समिति ने सभी विभागों के प्रमुखों को ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम की सूची सौंपने के लिए कहा था, जो दागी हैं और पुलिस विभाग में बने रहने के योग्य नहीं हैं.
स्क्रीनिंग के माध्यम से समिति ने इंस्पेक्टर रैंक और इससे नीचे के 79 और तीन एसीपी की पहचान की है. इनकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, दागी पुलिसकर्मियों के खिलाफ यह कार्रवाई चरणबद्ध तरीके से की जाएगी. ज्यादातर दागी पुलिसकर्मियों की उम्र 55 वर्ष से अधिक है.