'अखिलेश की भाषा सड़कछाप', जानिए भरे सदन में डिप्टी CM और सपा सदस्यों में क्यों हुई तकरार

विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के बाद स्वास्थ्य महकमा संभाल रहे उप मुख्‍यमंत्री पाठक ने अध्‍यक्ष की अनुमति लेकर मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव द्वारा स्वास्थ्य विभाग को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब देना शुरू किया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 21, 2022, 04:18 PM IST
  • सपा में सच सुनने की ताकत नहीं- पाठक
  • डिप्टी सीएम ने अखिलेश यादव को घेरा
'अखिलेश की भाषा सड़कछाप', जानिए भरे सदन में डिप्टी CM और सपा सदस्यों में क्यों हुई तकरार

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन उपमुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को आड़े हाथों लिया. सदन में सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच लगातार तीखी बहस देखी जा रही है. मानसून सत्र के दौरान अखिलेश यादव की बयानबाजी पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जोरदार पलटवार किया. 

उन्होंने कहा कि ‘विपक्षी दल के नेता की भाषा सड़कछाप से भी बदतर है.’ उन्‍होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को लूट का अड्डा बना दिया था. वहीं, पाठक के बोलना शुरू करते ही सपा के सदस्य सदन से बाहर चले गए. 

डिप्टी सीएम ने अखिलेश यादव को घेरा

विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के बाद स्वास्थ्य महकमा संभाल रहे उप मुख्‍यमंत्री पाठक ने अध्‍यक्ष की अनुमति लेकर मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव द्वारा स्वास्थ्य विभाग को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब देना शुरू किया, जिसपर सपा सदस्यों ने आपत्ति की. सपा सदस्यों का कहना था कि जब इस मामले पर नेता सदन (मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ) बोल चुके हैं और नियम-56 का मामला अग्राह्य हो गया है तो उप मुख्‍यमंत्री के बोलने का कोई औचित्य नही है. इसपर, विधानसभा अध्‍यक्ष सतीश महाना ने कहा कि कार्यसूची में है कि मंत्री अपना वक्‍तव्‍य देंगे. 

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्‍ना ने कहा कि सदन की परंपरा है कि कोई मंत्री अपनी बात रख सकता है और जब अध्‍यक्ष ने अनुमति दे दी है तो व्‍यवधान नहीं करना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने हस्तक्षेप करते हुए व्यंग्य किया कि नेता सदन ने जानकारी तो दे दी लेकिन हो सकता है कि कल उप मुख्‍यमंत्री कहीं छापा मारने गये हों. 

उन्‍होंने सवाल किया कि मुख्‍यमंत्री बोल चुके तो क्‍या बात है कि उप मुख्‍यमंत्री बोलना चाह रहे हैं, क्या उप मुख्‍यमंत्री और मुख्‍यमंत्री में तालमेल नहीं है? इसके बाद जब पाठक बोलने के लिए खड़े हुए तो यादव ने सदन से बहिर्गमन का ऐलान किया और सपा सदस्‍य अपनी सीट से उठकर चले गये. इसके पहले सपा के वरिष्ठ सदस्‍य रविदास मेहरोत्रा उप मुख्‍यमंत्री के विरोध में आपत्तिजनक नारे लगाने लगे, जिसपर पाठक ने उन्हें डांट दिया. 

सपा में सच सुनने की ताकत नहीं- पाठक

पाठक ने कहा, ‘‘मैं जानता था कि ये लोग भागेंगे क्योंकि इनके अंदर सच सुनने की क्षमता नहीं है.'' उन्‍होंने कहा, ‘‘मैं उनके आरोपों का बिंदुवार खंडन करूंगा क्योंकि नेता विरोधी दल ने जनता को गुमराह किया है.’’ उन्‍होंने आरोप लगाया कि सपा की सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को लूट का अड्डा बना दिया था. बेहद तीखे शब्दों में यादव पर पलटवार करते हुए पाठक ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की की भाषा सड़क छाप से भी बदतर भाषा है और उन्‍होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है समय आने पर उत्‍तर प्रदेश की जनता इन्‍हें जवाब देगी. 

पाठक ने गिनाईं योगी सरकार की उपलब्धियां

ब्रजेश पाठक ने कहा, ‘‘जब से मैंने शपथ ली 272 अस्पताल का निरीक्षण कर चुका हूं और हर अस्पताल में जाऊंगा और निरीक्षण करूंगा.’’ उन्‍होंने यादव पर वातानुकूलित कमरों से बाहर नहीं निकलने का भी आरोप लगाया. पाठक ने यादव द्वारा स्वास्थ्य विभाग को बजट न मिलने का आरोप लगाये जाने पर आंकड़ों के साथ बताया कि स्वास्थ्य विभाग में उनकी सरकार में कितना बदलाव हुआ है. 

उन्‍होंने कहा कि 2016 में (सपा सरकार) स्वास्थ्य विभाग का बजट 14811 करोड़ रुपये था लेकिन 2022 में स्वास्थ्य विभाग का बजट 19165 करोड़ रुपये है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राज्‍य की मुख्‍य विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) ने स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था की बदहाली के मुद्दे को लेकर सदन में हंगामा किया और सपा सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के पास आकर सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की और सदन से बहिर्गमन भी किया. 

मेहरोत्रा की टिप्पणी पर बवाल

नेता प्रतिपक्ष यादव ने स्वास्थ्य महकमा संभाल रहे उप मुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक की ओर से इशारा करते हुए कहा कि अब ये छापामार मंत्री बन गये हैं और इनके छापों का कोई असर नहीं है. उन्होंने सवाल किया, ‘‘अरे, छापामार मंत्री ही रहोगे या कोई कार्रवाई भी करोगे.’’

बुधवार को सदन में सपा सदस्‍य राकेश सिंह ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि अगर अध्‍यक्ष ने नियम 56 के तहत कल (मंगलवार) मामले को अग्राह्य कर दिया था तो आज उप मुख्‍यमंत्री क्यों जवाब देने खड़े हुए. उन्‍होंने कहा कि रविदास मेहरोत्रा को जिस तरह उप मुख्‍यमंत्री ने डांटा उसकी निंदा की जानी चाहिए. अध्‍यक्ष महाना ने कहा कि उप मुख्‍यमंत्री ने क्या कहा, मैंने नहीं सुना लेकिन मेहरोत्रा ने जो बोला वह मैंने जरूर सुना, उन्‍होंने ठीक नहीं बोला.

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