दिल्ली: बेंगलुरु में मौजूद कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने के लिए दिग्विजय सिंह ने आज हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां से उन्हें निराशा हाथ लगी है। कोर्ट ने उनकी याचिका खारीज कर दी. याचिका में उन्होंने मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायकों से मिलने की अनुमति मांगी थी. दिग्विजय सिंह ने कहा था कि हमने भूख हड़ताल पर रहने का फैसला किया है.
मुझे विधायकों से मिलने दिया जाए- दिग्विजय सिंह
Karnataka High Court rejects the plea by Congress leader Digvijaya Singh seeking directions to the police to allow him to meet rebel Madhya Pradesh Congress MLAs who are lodged in Bengaluru. https://t.co/y6GwHjfLYz
— ANI (@ANI) March 18, 2020
दिग्विजय सिंह का कहना है कि वह राज्यसभा के सांसद हैं और उन्हें विधायकों से मिलने दिया जाए. कांग्रेस सांसद ने कहा कि मैंने फैसला लिया है कि मैं सुप्रीम कोर्ट और कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करूंगा और फिर से एक बार धरने पर बैठने पर सोचूंगा. उन्होंने कहा कि मैंने फिलहाल भूख हड़ताल पर रहने का फैसला लिया और कोर्ट के फैसले के बाद ही आगे का फैसला लूंगा.
Madhya Pradesh: Police detains Congress workers who were protesting outside BJP office in Bhopal, against detention of Congress leader Digvijaya Singh in Bengaluru. Singh was detained after he sat on a dharna when he was not allowed to meet rebel Madhya Pradesh Congress MLAs. pic.twitter.com/F4r3AZeVbQ
— ANI (@ANI) March 18, 2020
कल सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई
मध्य प्रदेश में पिछले कई दिनों से जारी सियासी ड्रामे का परिणाम क्या होगा, इसकी कुछ झलक कल दिखाई पड़ सकती है. शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है. कांग्रेस के वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया गया है कि इस मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेजना चाहिए. क्योंकि मध्य प्रदेश जैसी स्थिति इससे पहले कर्नाटक और गुजरात में भी आ चुकी है. भाजपा तत्काल बहुमत परीक्षण कराना चाहती है.
बागी विधायक बोले- हमें बंधक नहीं बनाया गया
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के बागी विधायकों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के दावों को खारिज करते हुए कहा कि हमें किसी ने बंधक नहीं बनाया, हम अपनी मर्जी से बेंगलुरू में हैं. मध्यप्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री और विधायक गोविंद सिंह राजपूत कहते हैं, "बहुत बार हमने मीडिया में सुना कि हम लोग बंधक बनाए गए हैं. लेकिन हम लोग बताना चाहते हैं कि हम लोग बंधक बनाकर नहीं बल्कि स्वेच्छा से आए हैं.
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