मिसाइल और ड्रोन का काल! DRDO बना रहा है 300 kW लेजर हथियार, पाकिस्तान में है डर का महौल

DRDO 300 kW laser weapon: DRDO ने 300 kW पावर वाला हाई-पावर लेजर हथियार बनाना शुरू किया है, जो 20 किमी तक MALE और HALE ड्रोन को नष्ट कर सकेगा. यह सिस्टम मोबाइल प्लेटफॉर्म पर काम करेगा और किसी भी मौसम में सटीक निशाना साधने में सक्षम होगा.

Written by - harsh singh | Last Updated : Oct 4, 2025, 08:53 AM IST

    DRDO का 300 kW लेजर हथियार

    पाकिस्तान में फैल गया डर

मिसाइल और ड्रोन का काल! DRDO बना रहा है 300 kW लेजर हथियार, पाकिस्तान में है डर का महौल

DRDO 300 kW laser weapon: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने ड्रोन से कई हमले किए थे, ऐसे हमलों से निपटने के लिए भारत ने बड़ा कदम उठाया है. DRDO ने 300 kW पावर वाला हाई-पावर लेजर (HPL) हथियार बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह लेजर सिस्टम एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस होगा और इसका उद्देश्य MALE और HALE प्रकार के ड्रोन को 20 किमी की दूरी से निशाना बनाना है. 

Beam Control System
इस लेजर सिस्टम का दिल है Beam Control System (BCS), जो लेजर की किरण को सटीक तरीके से लक्ष्य पर फोकस करता है. DRDO का CHESS केंद्र इस सिस्टम को तैयार करने के लिए तकनीकी भागीदारों से RFI जारी कर चुका है. भागीदार BCS को 300 kW लेजर कोर के साथ इंटीग्रेट करने, लैब में टेस्टिंग और फील्ड ट्रायल तक पूरी प्रक्रिया संभालेंगे.

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क्या रहेगा डिजाइन?
इस सिस्टम में 50-70 सेंटीमीटर व्यास वाला बीम डायरेक्टिंग टेलीस्कोप होगा. टेलीस्कोप के ऐडैप्टिव ऑप्टिक्स के जरिए लेजर के रास्ते वातावरण से होने वाली समस्या के बावजूद लंबी दूरी तक सटीक निशाना लगाने में कामयाब होगी. साथ ही, ऑप्टिकल पेरिस्कोपिक हेड बीम को 180 डिग्री और एलिवेशन 15 से +70 डिग्री तक मूव करा सकता है, जिससे ड्रोन या मिसाइल जैसी तेज हथियारों को उसी सटिकता से जवाब दिया जा सके.

किसी भी मौसम में करेगा काम
BCS में अटमॉस्फेरिक जिटर कम्पनसेशन सिस्टम भी शामिल है, जो हवा की स्पीड और तापमान की वजह से लेजर में होने वाले समस्या को ठीक करता है. इसके अलावा, टारगेट को पहचानने और ट्रैक करने के लिए लेजर इल्यूमिनेटर मॉड्यूल और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक कोर्स ट्रैकिंग सिस्टम भी लगाए गए हैं. यह दिन और रात, किसी भी मौसम में काम करने में सक्षम हैं.

300 kW की यह लेजर ताकत पुराने 100 kW प्रोटोटाइप से कई गुना अधिक है. इसे मोबाइल प्लेटफॉर्म पर रखा जा सकेगा, जैसे ट्रक या एयरबोर्न सिस्टम. इसका उद्देश्य ड्रोन स्वार्म या आने वाली मिसाइलों को सेकंडों में नष्ट करना है. DRDO की प्लान है कि इस सिस्टम के फील्ड ट्रायल 2027-28 में पोखरण रेंज में हों और बाद में इसे पूरी तरह मोबाइल ऑपरेशन्स के लिए तैयार किया जाए.

यह लेजर हथियार भारत की हवाई सुरक्षा क्षमता को नए लेवल पर ले जाएगा. एडवांस टेक्नोलॉजी और सटिक निशाने को साधने की क्षमता इसे सीमा सुरक्षा और रक्षा तंत्र में एक गेम-चेंजर बना देती है.
 

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harsh singh

ये ऑटोमोबाइल तथा टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों पर विशेष रूप से काम करते हैं, इनका फोकस लेटेस्ट टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन, नई कारों और बाइक्स की लॉन्च, रिव्यू, और ट्रेंडिंग ऑटो सेक्टर से जुड़ी खबरों को पाठकों तक सटीक और सरल भाषा में पहुंचाना है. ...और पढ़ें

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