फाइटर जेट्स में भारत लगाएगा 'मेगा लेजर वेपन', दुश्मन की मिसाइल रहे 'जरा हटके-जरा बचके'!

Airborne Megawatt Laser Weapon: DRDO ने एक ऐसा लेजर वेपन बनाने का फैसला किया है, जिसे लड़ाकू विमानों में फिट किया जा सकेगा और ये बैलिस्टिक मिसाइलों को तबाह करने की ताकत रखेगा. चीन और पाकिस्तान की ओर से बढ़ते खतरे को देखते हुए ये वेपन बनाया जाएगा. DRDO ने हाल ही में कई सारे लेजर वेपन बनाए थे, जो Directed Energy Weapon की फेहरिस्त में भारत का नाम लगातार ऊंचा कर रहे हैं. अब चीन और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए ये नया हथियार तैयार किया जा रहा है. इसमें कई सारी खूबियां भी होने वाली हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 22, 2025, 04:17 PM IST
  • DRDO बनाएगा मेगावाट एयरबोर्न लेजर वेपन
  • ये वेपन बैलिस्टिक मिसाइलों का काल
फाइटर जेट्स में भारत लगाएगा 'मेगा लेजर वेपन', दुश्मन की मिसाइल रहे 'जरा हटके-जरा बचके'!

Airborne Megawatt Laser Weapon: भारत का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन एक खास तरह के Directed Energy Weapon- DEW को बनाने पर काम कर रहा है. ये वेपन फाइटर जेट्स में फिट किया जाएगा, ताकि आसपास आने वाली दुश्मन की मिसाइलों को तबाह कर दे. ये एक लेजर बेस्ड हथियार होगा, जो दुश्मन की Tactical Ballistic Missiles - TBMs को मार गिराने की क्षमता रखेगा. इसे 'मेगावाट एयरबोर्न लेजर वेपन' कहा जा रहा है, जिसका लक्ष्य सामरिक बैलिस्टिक खतरों को दूर करना है.

लंबी दूरी से खतरों को टारगेट करने की क्षमता
सवाल ये उठता है कि इस हथियार को फाइटर जेट्स में क्यों फिक्स किया जाएगा? दरअसल, जब इस हथियार की लाइन ऑफ साइट बढ़ जाती है, तो यह लंबी दूरी पर से खतरों को टारगेट कर सकता है. अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि है कि एयरबॉर्न मेगावॉट लेजर वेपन के निर्माण को 300kW DEW बनने के बाद शुरू किया जाएगा. 

DRDO बना चुका ये लेजर वेपन
DRDO ने 2 kW और 5 kW की Directed Energy Weapon प्रोटोटाइप तो पहले से ही बना लिए हैं. ये छोटे ड्रोन को आसानी से गिरा पाने की क्षमता रखते हैं. इसके अलावा, DRDO 25 kW से 50 kW तक के लेजर वेपन भी बना रहा है, जो रॉकेट या तोप को तबाह कर सकते हैं. 100 kW और 300 kW के लेजर वेपन भी डेवलप किए जा रहे हैं. इन्हें नौसैनिक जहाजों और पर तैनात किया जाएगा, ताकि जेट्स और मिसाइल को टारगेट कर सकें.

चीन-पाक की मिसाइलों का खतरा बढ़ रहा
इस मेगावाट एयरबोर्न लेजर वेपन को ऐसे समय में बनाया जा रहा है, जब पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन की ओर से बैलिस्टिक मिसाइलों का खतरा बढ़ता जा रहा है  ऐसे में इन्हें काउंटर करने के लिए भारत ने बड़ा कदम उठाया है. गौरतलब है कि भारत के पास भी ताकतवर बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. इनमें पृथ्वी और आकाश जैसे मिसाइल डिफेंस सिस्टम का नाम सबसे पहले आता है.

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