फिर नौबत आई तो नहीं बचेगा पाकिस्तान, भारत की ये मिसाइलें मचा सकती हैं भयंकर तबाही!

Rudram 2 and Rudram 3 Missile: भारत ने इस बार पाकिस्तान पर ब्रह्मोस-ए मिसाइल से अटैक किया था. इससे पाकिस्तान के एयरबेसों पर खूब तबाही मची थी. अब एक रिपोर्ट सामने आई है, जो बताती है कि यदि भारत ऑपरेशन सिंदूर-2 करता है, तो रुद्रम मिसाइलों का इस्तेमाल हो सकता है. आइए, जान लेते हैं कि ये मिसाइलें कितनी खास है?  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 23, 2025, 02:57 PM IST
  • रुद्रम-2 मिसाइल की रेंज 330 किलोमीटर
  • रुद्रम-3 मिसाइल की रेंज 550 किलोमीटर
फिर नौबत आई तो नहीं बचेगा पाकिस्तान, भारत की ये मिसाइलें मचा सकती हैं भयंकर तबाही!

Rudram 2 and Rudram 3 Missile: भारत की मिसाइल ताकत तो पाकिस्तान ने हालिया संघर्ष में देख ही ली. ब्रह्मोस मिसाइलों ने तो पाकिस्तान के एयरबसों पर ऐसी तबाही मचाई, जिससे पाक अभी भी नहीं उबर पाया है. इंडियन डिफेंस न्यूज नामक वेबसाइट की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत भविष्य में पाक पर हमला करता है, तो 'रुद्रम' फैमिली की मिसाइलों का इस्तेमाल किया जा सकता है. भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO ने रुद्रम फैमिली की मिसाइलों को विकसित कर लिया है, ये दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को भेदने की क्षमता भी रखती हैं.

भारत की ये दो खतरनाक मिसाइलें
रुद्रम फैमिली की मिसाइलों में सबसे घातक 'रुद्रम-2' और 'रुद्रम-3' मानी जाती हैं. ये दोनों मिसाइलें इस श्रेणी की ताकत मानी जाती हैं. चलिए, दोनों के बारे में जान लेते हैं, इनकी रेंज, इनकी स्पीड और पेलोड कितना है?

1. रुद्रम-2 मिसाइल (Rudram 2 Missile): रुद्रम-2 मिसाइल की रेंज 330 किलोमीटर है. इसकी स्पीड 5.5 मैक है. यह 200 किलोग्राम का पेलोड ले जाने में सक्षम मानी जाती है. यह हवा से लॉन्च हो सकती है. लॉन्च से पहले और बाद में, दोनों तरह के लॉक-ऑन मोड में सक्षम है. इसका मतलब है कि इसमें लॉन्च होने से पहले टारगेट को लॉक करने और लॉन्च होने के बाद भी टारगेट को लॉक करने की क्षमता है.

2. रुद्रम-3 मिसाइल (Rudram 3 Missile): रुद्रम-3 मिसाइल की रेंज लगभग 550 किलोमीटर की रेंज है. यह उड़ान के दौरान अपनी हाइपरसोनिक गति बनाए रखती है. इसका कुल वजन 600-700 किलोग्राम है, इसकी पेलोड क्षमता 200 किलोग्राम है.

इन फाइटर जेट्स से जुड़ने में सक्षम
रुद्रम श्रेणी की मिसाइलों को सुखोई Su-30MKI से तो इंटीग्रेट किया ही जा सकता है. इसके अलावा, ये मिराज 2000, जगुआर, तेजस और भविष्य के तेजस मार्क-2 फाइटर जेट से भी जुड़ सकती हैं. जिस तरह इस बार ब्रह्मोस ने पाकिस्तान में तबाही मचाई, मुमकिन है कि फिर ऐसा मौका आए तो ये फाइटर जेट्स रुद्रम मिसाइलों से दुश्मन की कब्र खोद सकते हैं.

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