DRDO making star missile: आज के समय में युद्ध सिर्फ मैदान पर नहीं, तकनीक और तैयारी में भी लड़ा जाता है. किसी भी खतरे से निपटने के लिए पहले से तैयार रहना जरूरी होता है और इसी सोच के साथ भारत की डिफेंस एजेंसी DRDO ने STAR मिसाइल का निर्माण किया है. यह कोई आम हथियार नहीं है, बल्कि एक ऐसा सुपरसोनिक टारगेट है, जो हमारी वायुसेना को असली लड़ाई के हालातों में अभ्यास करने का मौका देगा. STAR यानी Supersonic Target एक ऐसी मिसाइल है, जो असली दुश्मन की तरह उड़ती है, ताकि हमारी सुरक्षा प्रणाली को समय रहते खतरे की पहचान और प्रतिक्रिया देना सिखाया जा सके.
क्या है STAR मिसाइल?
STAR मिसाइल को DRDO ने खासतौर पर वायु रक्षा प्रणाली के प्रशिक्षण और एयर टू एयर लड़ाई के अभ्यास के लिए डिजाइन किया है. यह मिसाइल दुश्मन की रफ्तार और हरकतों की हूबहू नकल कर सकती है. इसकी अधिकतम गति Mach 2.5 से अधिक है, यानी यह ध्वनि की रफ्तार से ढाई गुना तेज उड़ सकती है. इस मिसाइल का मकसद यह नहीं है कि वह दुश्मन को मारे, बल्कि यह हमारी वायुसेना को उस दुश्मन से लड़ने के लिए पहले से तैयार करती है. इसमें इतनी तेज गति और दिशा में बदलाव की क्षमता है कि यह असली खतरों जैसा माहौल बना सकती है.
कैसे काम करेगी यह मिसाइल?
जब कोई एयर डिफेंस सिस्टम या मिसाइल सिस्टम तैयार किया जाता है, तो उसे असली खतरे का अभ्यास कराने के लिए ऐसी मिसाइलों की जरूरत होती है, जो दुश्मन जैसी हरकत करें. STAR मिसाइल उस जरूरत को पूरा करती है. यह मिसाइल हवा में तेजी से मुड़ सकती है, ऊंचाई बदल सकती है और ऐसे रूट पर उड़ सकती है, जो स्टैंड-ऑफ वेपन या क्रूज मिसाइल जैसा लगता है. इससे वायुसेना के ऑपरेटरों को असली मिशन से पहले ही यह पता चल जाएगा कि किस तरह की प्रतिक्रिया कितनी तेजी से देनी है.
भारत में बनी, भारत के लिए
एक खास बात यह है कि STAR मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनी है. इसमें इस्तेमाल हो रही प्रणोदन प्रणाली (Propulsion), गाइडेंस यूनिट, नेविगेशन और फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, सब कुछ भारत में ही डिजाइन और विकसित किए गए हैं. इसमें रिंग-लेजर जाइरोस्कोप और आधुनिक सॉलिड रॉकेट मोटर जैसे अत्याधुनिक कॉम्पोनेंट्स का इस्तेमाल किया गया है. इससे भारत की रक्षा प्रणाली में आत्मनिर्भरता को और मजबूती मिलती है. अब ऐसी ट्रेनिंग मिसाइलों के लिए भारत को विदेशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
अभी कहां तक पहुंचा विकास?
DRDO इस समय STAR मिसाइल के Phase-III यानी अंतिम परीक्षण चरण में है. इस चरण में मिसाइल की तकनीकी क्षमताओं को असली उड़ान परीक्षणों के जरिए परखा जा रहा है. अगर यह परीक्षण सफल होते हैं, तो आने वाले समय में इसे भारतीय वायुसेना की ट्रेनिंग प्रक्रिया में शामिल कर लिया जाएगा.
क्यों है STAR भारत के लिए जरूरी?
हर आधुनिक देश अपनी वायु रक्षा प्रणाली को अपग्रेड करने के साथ-साथ अपने जवानों को असली हालातों की ट्रेनिंग भी देता है. भारत भी अब उसी दिशा में STAR जैसे सिस्टम से आगे बढ़ रहा है. इससे न केवल सैनिकों की तैयारी बेहतर होगी, बल्कि यह तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में भी बड़ा कदम है.