नई दिल्लीः सरकार तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश करेगी जिसमें कहा गया है कि किसानों का एक छोटा समूह इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन समय की जरूरत है कि समावेशी विकास के लिए सबको साथ लेकर चला जाए.
शीतकालीन सत्र के पहले दिन आएगा विधेयक
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन यानी सोमवार की लोकसभा की कार्यवाही सूची में इस विधेयक को शामिल किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीनों कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर निचले सदन में इस विधेयक को पेश करेंगे.
कांग्रेस ने जारी किया व्हिप
सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर कहा कि वे सोमवार को सदन में मौजूद रहें. लोकसभा की 29 नवंबर की कार्यवाही सूची के अनुसार, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम, 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 को निरस्त करने और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन करने से संबंधित विधेयक पेश करेंगे.
किसान नेताओं ने बदली प्लानिंग
उधर, किसान नेताओं ने शनिवार को कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने संसद तक 29 नवंबर को आहूत अपने ट्रैक्टर मार्च को स्थगित कर दिया है और अगले महीने एक बैठक में आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. मार्च को स्थगित करने का निर्णय संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से दो दिन पहले किया गया है.
पिछले एक साल से कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी कहा कि वह किसानों को उनकी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग पर संसद में आश्वासन चाहता है.
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