वीरप्पन के गैंग में शामिल रही महिला सदस्य 27 साल बाद गिरफ्तार

कोलगल पुलिस ने सोमवार को फरार चल रहे चंदन तस्कर वीरप्पन के साथी वेलयन की पत्नी को गिरफ्तार किया. पुलिस ने सोमवार को बताया कि महिला की पहचान सेल्वा मैरी के रूप में हुई. वह अपने दूसरे पति के साथ किराए की जमीन पर गन्ने की खेती करती थी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 3, 2020, 07:19 PM IST
वीरप्पन के गैंग में शामिल रही महिला सदस्य 27 साल बाद गिरफ्तार

बेंगलुरूः 27 साल से फरार रही वीरप्पन के गैंग की महिला सदस्य को गिरफ्तार कर लिया गया. वह 1993 से छिपी हुई थी. कोलगल पुलिस ने सोमवार को फरार चल रहे चंदन तस्कर वीरप्पन के साथी वेलयन की पत्नी को गिरफ्तार किया. पुलिस ने सोमवार को बताया कि महिला की पहचान सेल्वा मैरी के रूप में हुई. वह अपने दूसरे पति के साथ किराए की जमीन पर गन्ने की खेती करती थी.

गन्ने के खेत से जंगली हाथियों को भगाने के लिए उसने गोली चलाई थी, इसी आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया था. चामाराजानगर के एसपी एचडी आनंद कुमार के अनुसार, जब सेल्वा से पूछा गया कि उसने बंदूक कैसे चलाई?, तो उसने वीरप्पन गिरोह से जुड़े होने को लेकर खुलासा किया. 

इस तरह हुआ था वीरप्पन का एनकाउंटर
चंदन तस्कर वीरप्पन तक पहुंचने के लिए तीन राज्यों की पुलिस और आर्मी को तीस साल से ज्यादा वक्त लगा था. तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल की पुलिस उसे ढूंढ रही थी. वीरप्पन को 18 अक्टूबर 2004 को तीन साथियों के साथ तमिलनाडु के धरमपुरी जिले में आने वाले पपरापत्ति जंगल में एनकाउंटर में मार दिया गया था. 

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वीरप्पन को मारने के लिए अलग टीम बनी थी
1990 में कर्नाटक और तमिलनाडु सरकार ने वीरप्पन को पकड़ने के लिए एक विशेष पुलिस दस्ते (एसटीएफ) का गठन किया था. जल्द ही पुलिसवालों ने उसके कई आदमियों को पकड़ लिया. फरवरी 1992 में पुलिस ने उसके प्रमुख सहयोगी गुरुनाथन को पकड़ा था. इसके कुछ महीनों के बाद वीरप्पन ने चामाराजानगर जिला में एक पुलिस थाने पर छापा मारकर कई लोगों की हत्या कर दी थी और हथियार-गोला बारूद लूटकर फरार हो गए था.

1993 में उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया गया
सेल्वा ने बताया कि वह 14 साल की उम्र में गिरोह में शामिल हुई थी, लेकिन 2 साल बाद अलग हो गई थी. वह 1993 से छिपी हुई थी. उसने वेलयन की मौत के बाद दूसरी शादी कर ली थी. इसके बाद 1993 में पुलिस ने वीरप्पन की पत्नी मुत्थुलक्ष्मी को गिरफ्तार कर लिया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वीरप्पन को पकड़ने के लिए चलाए गए ऑपरेशन का नाम ‘कोकून' रखा गया. ये ऑपरेशन तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के जंगल में चलाया गया था, जिसकी कमान आईपीएस के. विजय कुमार के हाथ में थी.

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