नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जब मंगलवार को एसपीजी संशोधन बिल, 2019 पेश किया तो इसके बाद सदन में सियासी घमासान शुरू हो गया. विपक्षी दल ने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि केंद्र सरकार निजी हित के लिए कांग्रेस नेताओं का जीवन खतरे में डाल रही है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस दौरान जमकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. बिल को लेकर कांग्रेस नेताओं और भाजपा के बीच जुबानी जंग जारी है. कहा जा रहा है कि यह केवल तुच्छ राजनीतिक लाभ है, जिसका प्रयोग भाजपा कर रही है.
कांग्रेस परिवार का जीवन खतरे में डाल रही सरकारः वेणुगोपाल
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि एसपीजी सुरक्षा हटाकर मुख्य विपक्षी दल के शीर्ष नेताओं के जीवन को खतरे में डाला गया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए सरकार को किसी के जीवन को खतरे में नहीं डालना चाहिए. प्रियंका गांधी के आवास पर सुरक्षा में लगी सेंध से यह बात साबित होती है कि एसपीजी सुरक्षा हटाकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने हमारे नेताओं के जीवन को खतरे में डाल दिया है.
इसके लिए उन्होंने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की सुरक्षा में लगी सेंध का हवाला दिया.
क्या हुआ था प्रियंका गांधी के घर
सूत्रों के अनुसार पिछले सप्ताह कुछ लोग बिना अनुमति के एक गाड़ी से प्रियंका के लोधी एस्टेट स्थित आवास में घुस आए थे. बताया जा रहा है कि यह लोग प्रियंका के साथ सेल्फी लेने की बात कह रहे थे. इस मामले को प्रियंका के कार्यालय ने एसपीजी के सामने रखा था.
Days after losing SPG cover, Priyanka Gandhi faces security breach at homehttps://t.co/ZktRveRZ3e#priyankagandhi
— Zee News (@ZeeNews) December 2, 2019
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को कहा कि उन्हें कांग्रेस नेता प्रियंका की सुरक्षा में कथित सेंध के बारे में जानकारी नहीं है और वह इस पर जानकारी लेंगे. पिछले दिनों केंद्र सरकार ने गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटा ली थी. अब उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है जिसमें सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा संभालते हैं.
रॉबर्ट वाड्रा ने इसे नागरिक सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा बताया
इधर कांग्रेस नेता प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा इसे खुद से जुड़ा मुद्दा नहीं मानते, बल्कि एसपीजी हटाने की बात को नागरिक सुरक्षा से जोड़कर देख रहे हैं. रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि यह मामला सिर्फ प्रियंका, मेरी बेटी या बेटे, मेरे या गांधी परिवार की सुरक्षा का नहीं है. यह हमारे नागरिकों, विशेष रूप से हमारे देश की महिलाओं को सुरक्षित रखने और सुरक्षित महसूस कराने का है.
Correction: Robert Vadra on security breach- Giving security is not a fad, it is given on threat perception. 7 people came in that day, asked for selfies. New security lack the kind of training that SPG had. When we asked our security officers, blame game started. pic.twitter.com/lO5kSF2k2q
— ANI (@ANI) December 3, 2019
पूरे देश में सुरक्षा के साथ समझौता किया जा रहा है. लड़कियों के साथ छेड़छाड़/दुष्कर्म हो रहा है, हम किस तरह का समाज बना रहे हैं? हर नागरिक की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है. अगर हम अपने देश और घर में सुरक्षित नहीं हैं, सड़कों पर सुरक्षित नहीं हैं, दिन या रात में सुरक्षित नहीं हैं तो हम कहां और किस तरह से सुरक्षित रह सकते हैं?’
सेल्फी मामला कहीं सियासी ड्रामा तो नहीं
भले ही प्रियंका गांधी व गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटा ली गई है, लेकिन अभी-अभी उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है. इस सुरक्षा व्यवस्था को सीआरपीएफ के जवान संभालते हैं. ऐसे मं लोधी एस्टेट स्थित आवास में कोई अनजान गाड़ी या बिना जान-पहचान के लोग तो नहीं जा सकते है. यह एक तरीके से सीआरपीएफ की निष्ठा पर भी सवाल उठाना हुआ.
दूसरी तरफ यह भी सवाल उठ रहे हैं कि कहीं एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने को कांग्रेस मुद्दा बनाई हुई है. इसी के साथ संशोधन बिल पर भी रार जारी है. ऐसे में ही इस सेंध वाली बात को हवा तो नहीं दी जा रही है.
एसपीजी हटने के पीछे भी गांधी परिवार ही था जिम्मेदार?
प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा दी गई थी. लेकिन रिपोर्ट और सूचनाएं बताती हैं कि गांधी परिवार ने कभी इसका सम्मान नहीं किया. उन्होंने कई बार विशेष प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया. बात प्रियंका गांधी की हो रही है तो एसपीजी को लेकर उनके ही रवैये पर नजर डालते हैं. एक रिपोर्ट के आधार पर 2015 से 2019 तक दिल्ली में 339 मौकों पर प्रियंका ने एसपीजी बीआर व्हीकल का इस्तेमाल नहीं किया. राष्ट्रीय राजधानी के बाहर 64 मौकों पर उन्होंने एसपीजी बीआर व्हीकल के बिना यात्रा की. इन यात्राओं के संबंध में उन्होंने एसपीजी अधिकारियों की सलाह भी नहीं की और इसकी परवाह किए बिना नॉन-बीआर व्हीकल का इस्तेमाल किया. 1991 के बाद से उन्होंने कुल 99 विदेशी यात्राएं कीं, लेकिन केवल 21 यात्रा में ही वह अपने साथ एसपीजी के जवानों को लेकर गईं.
नीरज शेखर ने भी की टिप्पणी
एसपीजी मामले में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे व भाजपा सांसद नीरज शेखर की टिप्पणी भी उल्लेखनीय है. नीरज ने सदन में हंगामे के दौरान कहा कि उन्होंने कहा कि जब मैं 22 साल का था तो एसीपीजी मिली थी. हमें 11 साल सुरक्षा मिली थी. मेरे आगे-पीछे 4 गाड़ियां रहती थीं. लोग मुझसे ऑटोग्राफ लेते थे.
मुझे लगता था कि मैं ही प्रधानमंत्री हूं. 21-22 साल की उम्र में मैं कुछ नहीं था. नीरज शेखर ने कहा कि मेरा मानना है कि ऐसा संगठन होना चाहिए जो सिर्फ पीएम को सुरक्षा दे. पूर्व पीएम के लिए एक अलग सुरक्षा संगठन हो. 1991 में जो संशोधन हुआ उससे मुझे सुरक्षा मिली.
गांधी परिवार के लापरवाह रवैये के कारण तो नहीं छिनी एसपीजी सुरक्षा ?