नई दिल्ली: देश में पहली बार कोरोना वायरस के मरीज के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया गया है. आपको बता दें की कोरोना वायरस के संक्रमण से उबर चुके व्यक्ति के ब्लड की एंडीबॉडी का इस्तेमाल इलाज में किया जाता है.
प्लाज्मा थेरेपी से होगा कोरोना वायरस का इलाज?
यहां आपका ये भी जानना जरूरी है कि क्या होती है प्लाज्मा थेरेपी और कैसे कोरोना वायरस से पीड़ित के लिए इसका इस्तेमाल कैसे किया गया. प्लाज्मा थेरेपी के लिए प्राइवेट अस्पताल में 10 हजार से से 12000 रुपये का खर्च हो सकता है। सरकारी अस्पताल में ये खर्च कम होगा.
देश में पहली बार कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल
दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल में 50 साल के कोरोना पीड़ित के इलाज के लिए प्लाज़्मा थेरेपी दी गई. प्लाज्मा थेरेपी देने के बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ तो नहीं हुआ है लेकिन कुछ हद तक रिकवरी जरूर हुई है.
आप ये समझिए की प्लाज़्मा थेरेपी होती क्या है?
मरीज़ जो किसी संक्रमण से उबर जाते हैं उनके शरीर में संक्रमण को बेअसर करने वाले प्रतिरोधी ऐंटीबॉडीज़ विकसित हो जाते हैं. इन ऐंटीबॉडीज़ की मदद से कोविड-19 रोगी के रक्त में मौजूद वायरस को ख़त्म किया जा सकता है.
प्लाज्मा थेरेपी देने के लिए ये जरूरी होता है कि कोई ऐसा मरीज मिले जो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुका हो और 14 दिन बीत चुके हों.
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प्लाज्मा थेरेपी के लिए सबसे मुश्किल काम डोनर का इंतज़ाम करना होता है. इस मामले में दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले परिवार ने अपने बेटे के लिए एक डोनर का इंतजाम किया. अस्पताल को उम्मीद है की आईसीएमआर भी प्लाज्मा थेरेपी पर होने वाली स्टडी में इस अस्पताल के ट्रीटमेंट को शामिल करेंगे.
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