एक महीने में दूसरी बार कई भूकंप से कांपी चंबा की धरती, क्या है वजह

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में शुक्रवार को 3 से 4.3 तीव्रता के बीच 5 भूकंप के झटके आए. इसमें कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है. मौसम विभाग के मुताबिक, भूकंप का पहला झटका शुक्रवार शाम 5ः11 बजे दर्ज किया गया था.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 28, 2020, 12:32 PM IST
    • हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में शुक्रवार को 3 से 4.3 तीव्रता के बीच 5 भूकंप के झटके आए हैं.
    • मौसम विभाग के मुताबिक, भूकंप का केंद्र चंबा जिले में 5 से 10 किलोमीटर की गहराई पर था.
एक महीने में दूसरी बार कई भूकंप से कांपी चंबा की धरती, क्या है वजह

शिमलाः इस समय देश कोरोना के कहर से जूझ ही रहा है. दूसरी तरफ प्राकृतिक आपदाएं भी डरा रही हैं. जानकारी के मुताबिक हिमालय का पर्वतीय इलाका कांप रहा है. यहां शुक्रवार को भूकंप के कई बार झटके महसूस हुए. इससे लोगों में काफी डर बना हुआ है.

कोरोना के बीच अगर भूकंप आया तो सबसे बड़ी समस्या होगी कि लॉकडाउन टूट जाएगा औऱ लोगों को मजबूरन ही घरों से बाहर निकलना पड़ेगा, इससे दोहरी स्थिति बिगड़ सकती है. 

शुक्रवार को लगे पांच झटके
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में शुक्रवार को 3 से 4.3 तीव्रता के बीच 5 भूकंप के झटके आए. इसमें कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है. मौसम विभाग के मुताबिक, भूकंप का पहला झटका शुक्रवार शाम 5ः11 बजे दर्ज किया गया था.

शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि शुक्रवार शाम 5.11 से 8.43 बजे के बीच भूकंप के झटके महसूस किए गए. उन्होंने बताया कि शाम 5.11 बजे पहले भूकंप की तीव्रता 3.6 थी.

संवेदनशील क्षेत्र है चंबा
उन्होंने बताया कि इसके बाद 5.17 बजे 4.3 तीव्रता का भूकंप, 5.45 बजे 3 तीव्रता का भूकंप, 6.49 बजे 3.8 की तीव्रता का भूकंप और 8.43 बजे 3.4 तीव्रता के भूकंप के झटके आए. हालांकि अभी तक कोई नुकसान की सूचना नहीं है.

मौसम विभाग के मुताबिक, भूकंप का केंद्र चंबा जिले में 5 से 10 किलोमीटर की गहराई पर था.  चंबा सहित हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्से संवेदनशील क्षेत्र में आते हैं.

चंबा में 24 घंटे में चौथा भूकंप, आखिर इतना क्यों कांप रही है हिमालयी धरती

पिछले महीने भी चंबा में आए थे भूकंप
चंबा में एक महीने के भीतर ही फिर से प्राकृतिक आपदा के बड़े संकेत मिले हैं. दरअस बीती 28-29 फरवरी को भी महज 24 घंटे के भीतक चार बार चंबा की धरती कांप चुकी थी. 28 फरवरी को पहला झटका सुबह 10 बजकर 48 मिनट पर महसूस किया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 मापी गई.

इसके बाद दोपहर दो बजकर 42 मिनट पर एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस हुए. इस बार तीव्रता 3.1 रही. वहीं, तीसरा झटका शाम चार बजकर 37 मिनट महसूस किया गया, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.1 मापी गई. 29 फरवरी को शनिवार सुबह 4.41 बजे महसूस हुए झटकों की तीव्रता रिक्‍टर पैमाने पर 3.2 मापी गई थी. 

क्यों बार-बार कांप रहा है चंबा, कहीं बड़ा खतरा तो नहीं
एक शोध के अनुसार भारतीय प्लेट यूरेशियाई प्लेट की ओर 50 मिलीमीटर प्रतिवर्ष की गति से बढ़ रही है. इसकी वजह से पूरे हिमालयी क्षेत्र में भूकंप आते रहते हैं. जानकार बताते हैं कि प्लेटों के खिसकने से जो भारी ऊर्जा धरती के अंदर एकत्र हो रही है वह छोटे-छोटे भूकंपों से नहीं निकल पा रही है.

पिछले 69 साल से बड़ा भूकंप नहीं आया है तो इसका अर्थ यह है कि इसे आना ही है.

ऐसे आते हैं छोटे-बड़े भूकंप
हिमालय रेंज से लगते देश व राज्य भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील माने जाते हैं, क्योंकि इंडियन प्लेट और यूरेशिया प्लेट दोनों एक-दूसरे से नीचे खिसक रही हैं. लिहाजा, हर दिन कहीं न कहीं छोटे भूकंप आते रहते हैं.

जब इन दोनों प्लेटों को टकराने के लिए ज्यादा गैप मिल जाता है तो टकराहट जोरदार होती है जो बेहद तेज कंपन (उदाहरण नेपाल भूकंप) पैदा करती है. बड़े भूकंपों से पहले छोटी टकराहट होती है. जो रिक्टर एक से तीन तक के भूकंप लाती हैं. 

 

 

ट्रेंडिंग न्यूज़