जयपुर: दिव्यांगजनों के लिए गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब राजस्थान के सभी मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर या दूसरे धार्मिक स्थलों पर रैंप जरूरी कर दिया गया है. गृह विभाग और सामाजिक न्याय विभाग ने इस संबंध में चिट्टी लिखी है.
जेएनयू हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस से मांगी रिपोर्ट, लिंक पर क्लिक कर जानें खबर.
गहलोत सरकार का अहम फैसला
बता दें कि विशेषयोग्यजन उपायुक्त ने सभी जिला कलक्टर्स को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है कि कितने धार्मिक स्थलों पर रैंप बने हुए है. इसके साथ ही ये भी निर्देश दिए गए हैं कि जिन धार्मिक स्थलों पर रैंप नहीं बने हुए हैं वहां जल्द से जल्द इसका निर्माण करवाया जाए. इसके अलावा सिनेमाघरों को भी दिव्यांग फ्रेडली बनाने के निर्देश दिए गए है. साथ ही गृह विभाग ने कार्रवाई के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि धार्मिक स्थलों पर बाधारहित सुविधा हो ताकि दिव्यांगजनों को किसी तरह से समस्या ना हो.
जेएनयू हिंसा पर कांग्रेस की राजनीति तेज, अमित शाह को ठहराया जिम्मेदार लिंक पर क्लिक कर जानें खबर.
क्या कहती है दिव्यांगजन अधिकारी अधिनियम की धारा-
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 45 और धारा 29 में विशेषयोग्यजनों के लिए बाधा रहित सार्वजनिक स्थल बनाने का उल्लेख किया गया है. इस संबंध में पहले ही विशेषयोग्यजन न्यायालय द्वारा समय-समय पर दिव्यांगजनों को बाधारहित वातावरण की सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन अब तक अधिकतर धार्मिक स्थल और सिनेामघर ऐसे हैं जहां दिव्यांगजनों के लिए रैंप नहीं बने हुए हैं. दोनों विभागों को जल्द कार्रवाई कर पूरी रिपोर्ट विशेषयोग्जयन न्यायालय को सौंपने का निर्देश दिया गया है.