QR Code से अब भगवान को चढ़ेगा चढ़ावा, मंदिरों में दान के लिए मिलेगी ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा

तमिलनाडु के मंदिर क्यूआर कोड के माध्यम से दान स्वीकार करेंगे. तमिलनाडु सरकार के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग के अंतर्गत आने वाले 536 मंदिरों में उपलब्ध कराई जाएगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 24, 2022, 02:25 PM IST
  • अब मंदिरों में होगा डिजिटल पेमेंट
  • ऑनलाइन पेमेंट से कर सकेंगे दान
QR Code से अब भगवान को चढ़ेगा चढ़ावा, मंदिरों में दान के लिए मिलेगी ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा

नई दिल्ली: तमिलनाडु के मंदिर विभिन्न सेवाओं जैसे 'अर्चना', विशेष प्रवेश, 'अभिषेकम' और देवता को 'वस्त्रम' चढ़ाने सहित क्यूआर कोड के माध्यम से दान स्वीकार करेंगे. यह सुविधा तमिलनाडु सरकार के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग के अंतर्गत आने वाले 536 मंदिरों में उपलब्ध कराई जाएगी.

स्कैनर उपलब्ध कराने के लिए ट्रायल शुरू

विभाग ने मंदिरों में क्यूआर कोड और स्कैनर उपलब्ध कराने के लिए ट्रायल शुरू कर दिया है. एचआर एंड सीई विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, 'कई भक्त ई-भुगतान के साथ सहज हैं और हमें ई-भुगतान करने के लिए दुनिया भर के भक्तों से अनुरोध मिलता है. हम भक्तों को कम्प्यूटरीकृत बिल प्रदान करेंगे.'

अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने इसके लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया है और प्रत्येक मंदिर के लिए इसे अनुकूलित किया गया है.

चोरी हुई मूर्तियों को वापस लाने की कोशिश

यह ध्यान दिया जा सकता है कि मई 2021 में डीएमके सरकार के सत्ता संभालने के बाद से, मानव संसाधन और सीई विभाग इसके तहत सभी मंदिरों में विकास की शुरुआत कर रहा है. कई वर्षों से किराए में चूक करने वाले मंदिर भवनों के अतिक्रमणकारियों और किरायेदारों को बेदखल करने के लिए विभाग ने विशेष रुचि ली है. विभाग ने मंदिर की चोरी हुई मूर्तियों और अन्य कीमती सामानों को वापस लाने के लिए भी कदम उठाए हैं.

एचआर एंड सीई विभाग ने तमिलनाडु पुलिस के मूर्ति दस्ते के साथ मिलकर मंदिरों से चुराए गए कीमती सामानों की एक रजिस्ट्री बनाई है और सालों पहले चोरी हुई मूर्तियों और अन्य कीमती सामानों की पहचान करना शुरू कर दिया हैय

मंत्री पी.के. सेकर बाबू ने दी जानकारी

मानव संसाधन और सीई मंत्री, पी.के. सेकर बाबू ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हम एचआर एंड सीई के तहत मंदिरों में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने और इस विकास के हिस्से के रूप में 'अर्चना' और अन्य मंदिर प्रसाद के लिए ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया में हैं.'

उन्होंने ये भी कहा कि दुनिया भर से भक्तों से अनुरोध किया गया है कि मंदिरों को प्रसाद के भुगतान के लिए ऑनलाइन सुविधाएं अपनाएं. हमने विभाग के तहत प्रत्येक मंदिर के लिए अनुकूलित सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिए एनआईसी को सौंपा है. इसके लिए प्रयास शुरू हो चुका है और हम इसे जल्द ही चरणबद्ध तरीके से एचआर एंड सीई के तहत मंदिरों में लागू करेंगे.

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