नई दिल्लीः केंद्र सरकार एयर इंडिया पर आधे से अधिक कर्ज को माफ करने पर विचार कर रही है. ऐसा इस कंपनी के खरीदारों को लुभाने के लिए किया जा रहा है. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी. एयर इंडिया पर लगभग 55 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने योजना बनाई है कि वह प्रस्तावित निवेशकों को कंपनी का 30,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भार अपने ऊपर लेने को कहेगी. सरकार कंपनी को बेचने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट 15 दिसंबर को जारी कर सकती है.
बेची नहीं गई तो बंद करनी पड़ सकती है कंपनी
पिछले साल कंपनी के लिए कोई खरीदार ढूंढने में नाकाम रही मोदी सरकार टैक्स कलेक्शन में आई कमी तथा 20 अरब डॉलर के कॉर्पेारेट टैक्स में कटौती से राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी को पाटने के लिए कंपनी को जल्द से जल्द बेचने की इच्छुक है. पिछले सप्ताह, केंद्र सरकार ने देश की दूसरी सबसे बड़ी सरकारी रिफाइनर कंपनी तथा अपनी सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी को बेचने का फैसला किया है. केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी कहा है कि घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया का निजीकरण नहीं हो पाया तो उसे बंद करना पड़ेगा. राज्यसभा में बुधवार को चर्चा का जवाब देते हुए पुरी ने कहा कि सरकार सरकारी विमानन कंपनी के लिए एक ऐसी डील के लिए प्रतिबद्ध है, जो उसके तमाम कर्मचारियों के हितों के अनुकूल हो.
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राज्यसभा में दी जानकारी
उन्होंने कहा कि सरकार बोलियां आमंत्रित करने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के कर्मचारियों के हितों की रक्षा होगी और इसके निजीकरण तक कर्मियों की नौकरी नहीं जाएगी. राज्यसभा में एक पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए पुरी ने कहा, अगर एयरलाइंस का निजीकरण नहीं किया गया तो उसे बंद करना पड़ेगा. विनिवेश की प्रक्रिया जारी है. प्रक्रिया पूरी होने के बाद बोलियां मंगाई जाएंगी. उन्होंने एयर इंडिया में आर्थिक संकट को देखते हुए वेतन नहीं मिलने के कारण पायलटों की ओर से नौकरी छोड़ने से जुड़े एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि वित्तीय संकट की बात सही है, लेकिन वेतन नहीं मिलने के कारण किसी पायलट द्वारा नौकरी छोड़ने की जानकारी, मंत्रालय के संज्ञान में नहीं आई है.
बैंक कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर भी है
विनिवेश पूरा होने तक पूरा बकाया भुगतान
पुरी ने कहा कि एयर इंडिया जब वित्तीय संकट के दौर में थी, तब कुछ कर्मचारियों का 25 प्रतिशत वेतन भुगतान विलंबित था. उन्होंने कहा कि विनिवेश की प्रक्रिया पूरी होने तक इन कर्मचारियों के बकाया वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने योजना बनाई है कि वह प्रस्तावित निवेशकों को कंपनी का 30,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भार अपने ऊपर लेने को कहेगी। सरकार कंपनी को बेचने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट 15 दिसंबर को जारी कर सकती है. पिछले साल कंपनी के लिए कोई खरीदार ढूंढने में नाकाम रही मोदी सरकार टैक्स कलेक्शन में आई कमी तथा 20 अरब डॉलर के कॉरपोरेट टैक्स में कटौती से राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी को पाटने के लिए कंपनी को जल्द से जल्द बेचने की इच्छुक है.