GTRE का दावा! कावेरी इंजन में 90% देसी पार्ट्स का इस्तेमाल, तेजस को मिलेगी 'जबरदस्त' ताकत

GTRE Kaveri Derivative Engine (KDE) Indigenisation: GTRE का KDE इंजन प्रोग्राम भारत को लड़ाकू विमानों के इंजन में आत्मनिर्भर बनाएगा और स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देगा. इसे 90% से अधिक देसी सामग्री के साथ तैयार कर इंडियन एयरफोर्स की ताकत बढ़ाई जाएगी.  

Written by - harsh singh | Last Updated : Oct 8, 2025, 10:51 AM IST
  • KDE इंजन में 90% देसी पार्ट्स, तेजस होगी ताकतवर
  • स्थानीय उत्पादन से एयरफोर्स बनेगी आत्मनिर्भर
GTRE का दावा! कावेरी इंजन में 90% देसी पार्ट्स का इस्तेमाल, तेजस को मिलेगी 'जबरदस्त' ताकत

GTRE Kaveri Derivative Engine (KDE) Indigenisation: इंडिया की ताकत बढ़ाने और लड़ाकू विमानों के इंजन को बनाने की क्षमता में देश को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. गैस टरबाइन रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट (GTRE) ने कावेरी डेरिवेटिव इंजन (KDE) में पूरी तरीके से देसी चीजें लगाने की बड़ी योजना बनाई है. इस प्लान के तहत भविष्य के सभी भारतीय एयरफोर्स प्रोग्राम के लिए स्थानीय सामग्री की हिस्सेदारी 90% से अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान में इस इंजन की इंडिजिनेशन लगभग 85% तक पहुंच चुकी है, जो पहले ही बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.

KDE प्रोटोटाइप का पहला टेस्ट
कावेरी डेरिवेटिव इंजन, मूल रूप से तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के लिए विकसित किया गया था, अब एडवांस लड़ाकू विमानों और अनमैंड सिस्टम के लिए भी उपयुक्त बन गया है. GTRE इंजीनियर्स चौथी पीढ़ी के KDE प्रोटोटाइप को पहले टेस्ट फ्लाइट के लिए तैयार कर रहे हैं. इसके लिए इंजन को पुराने तेजस LCA LSP वर्जन में फिट किया जाएगा ताकि वास्तविक उड़ान परिस्थितियों में इसके प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जा सके और नए एयरफ्रेम्स पर जोखिम कम रहे.

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ड्राई थ्रस्ट को करेंगे चेक
इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य इंजन की ड्राई थ्रस्ट क्षमता को आंकना और भविष्य की जरूरतों के लिए डेटा जुटाना है. इसके बाद यह इंजन रिमोटली पाइलटेड सर्विलांस एयरक्राफ्ट (RPSA) बमबारी प्रोग्राम में भी इस्तेमाल किया जाएगा. RPSA, एक 13 टन वर्ग का स्टील्थ UCAV है, जो भारत की डीप स्ट्राइक क्षमताओं को बढ़ाएगा और तेजस MkII व आने वाले AMCA फाइटर जेट्स के साथ तालमेल बनाएगा.

स्थानीय स्तर पर बनेगी इंजन की चीजें
GTRE ने अधिक मात्रा में उत्पादन और सप्लाई चेन की मजबूती को ध्यान में रखते हुए घरेलू पार्टनर्स को जोड़ने की योजना बनाई है. इसमें लार्सन एंड टुब्रो (L&T) और मिश्रा धातु निगम (MIDHANI) जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल होंगी. स्थानीय स्तर पर टरबाइन ब्लेड, कम्प्रेसर स्टेज और विशेष मिश्र धातु का उत्पादन किया जाएगा, जो पहले आयात पर निर्भर थे.

GTRE का उद्देश्य है कि भारत के पास इंजन के पूरे जीवन चक्र पर पूरा कंट्रोल रहे. इंडिजिनेशन के लक्ष्य को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा, 2026 के मध्य तक 88% और इसके बाद RPSA में एकीकृत करने से पहले 90% से अधिक पहुंच जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया से भारतीय एयरफोर्स की ताकत बढ़ेगी, रक्षा उपकरणों में आत्मनिर्भरता आएगी और भारत भविष्य के लड़ाकू विमानों के लिए पूरी तरह तैयार होगा.

इस तरह, KDE प्रोग्राम न सिर्फ भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करेगा बल्कि घरेलू उद्योग को भी नई दिशा देगा और भविष्य में विदेशी इंजनों पर निर्भरता कम करेगा.
 

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harsh singh

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