Indian army vehicle gurkha: कभी पहाड़ों तो कभी नदियों में Thar और Jimny की कलाबाजी जरूर देखी होगी. सड़कों पर तो Thar को स्टंट व्हीकल नाम दे दिया गया है. पावरफुल दिखने वाली Thar सड़कों पर जरूर दमदार दिखाई देती होगी, लेकिन यह सेना की पहली पसंद नहीं बन पाई. बता दें, भारतीय सेना ने हाल ही में 2,978 Force Gurkha गाड़ियों का ऑर्डर देकर साफ कर दिया है कि अब सेना को 'टैंक जैसी ताकत' चाहिए, और यह असली ताकत गुरखा ही दे सकती है. इसके लिए Mahindra Thar और Maruti Jimny जैसी पॉपुलर SUV को पीछे छोड़ते हुए Gurkha को चुना गया है.
इसकी वजह है गुरखा की लो-एंड टॉर्क क्षमता, हाई अल्टीट्यूड पर भरोसेमंद परफॉर्मेंस और पूरी तरह से देश में बनी टेक्नोलॉजी. बता दें, Gurkha का सेना से दशकों पुराना रिश्ता, मॉड्यूलर डिजाइन, दमदार वॉटर वेडिंग क्षमता और फ्रंट-रियर लॉकिंग डिफरेंशियल ने इसे ऑपरेशनल जोन में बेहतर विकल्प बना दिया है.
इतिहास से जुड़ी है Gurkha की ताकत
Thar और Jimny नए जमाने की SUV हैं. जबकि Force Motors और भारतीय सेना का रिश्ता 1958 से है, जब Tempo Hanseat पहली बार सेना के लॉजिस्टिक मिशन में इस्तेमाल हुई थी. इसके बाद Tempo Matador और Mercedes-Benz से पार्टनरशिप में बने वाहन सेना की पहली पसंद बने. Gurkha ने इसी इंजीनियरिंग परंपरा को आगे बढ़ाई है, जो सेना की हर मोर्चे पर भरोसेमंद साथी रही है.
Mercedes के OM 616 इंजन और G-Class के डिजाइन से प्रेरित Gurkha, भारतीय सेना की जरूरतों के मुताबिक बनी है. इसका हर पार्ट देश में ही बना है, जिससे 'Make in India' लक्ष्य को भी मजबूती मिलती है. यही वजह है कि IDRW की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में इंडियन आर्मी ने 2,978 Force Gurkha गाड़ियों का ऑर्डर दिया है.
Thar से पावर में कम, फिर क्यों चुनी गई?
Thar भले ही 130 bhp और 300 Nm टॉर्क देती हो, लेकिन Gurkha का 2.6L इंजन 1,400 rpm पर 320 Nm टॉर्क देता है. यानी दुर्गम पहाड़ी इलाकों में वही पावर मिलती है. जितनी जरूरत होती है. वहीं दूसरी ओर Jimny की 1.5L इंजन यूनिट पहाड़ों में नाकाम साबित हो सकती है.
वहीं दूसरी ओर Gurkha का फोकस रॉ पावर से ज्यादा यूजेबिलिटी पर है. Thar ज्यादा स्टाइलिश और सिविलियन-फ्रेंडली है, लेकिन Gurkha के लो टॉर्क, मजबूत चेसिस और बहती छिछली नदी और पानी पार करने की क्षमता इसे ऑपरेशनल मिशनों के लिए परफेक्ट बनाती है.
टेक्निकल डिजाइन में Gurkha सबसे आगे
Gurkha का लैडर-फ्रेम चेसिस और स्टील बॉडी इसे Jimny जैसे हल्के बॉडी वाहनों से ज्यादा टिकाऊ बनाते हैं. 700 mm वॉटर वेडिंग डेप्थ और फ्रंट-रियर लॉकिंग डिफरेंशियल इसे बर्फीले दर्रों, रेगिस्तान और नदियों में बेहतर बनाते हैं.
सेना को ऐसे वाहन चाहिए जो सर्विलांस, मेडिकल सपोर्ट या लॉजिस्टिक्स में बिना बदलाव के फिट बैठ सकें. Gurkha की सीटिंग को मोडिफाई किया जा सकता है, जिससे इसका उपयोग कई मिशनों में हो सकता है. जबकि रिपोर्ट बताते हैं कि ये फ्लेक्सिबिलिटी Thar या Jimny नहीं देती.
Thar और Jimny क्यों नहीं चुने गए?
Mahindra Thar और Scorpio Classic सेना में पहले से मौजूद हैं, लेकिन ये ज्यादातर ट्रूप ट्रांसपोर्ट और जनरल ड्यूटी तक सीमित हैं. Thar में ज्यादा पावर है लेकिन इसकी कॉम्प्लेक्स इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, युद्ध के समय में मुश्किलें बढ़ा सकती हैं.
Jimny की बात करें तो इसका हल्का वजन और पेट्रोल इंजन हाई ऑल्टिट्यूड पर कमजोर पड़ता है. इसके अलावा, इसकी पेलोड क्षमता और ऑफ-रोड इक्विपमेंट गुरखा के मुकाबले काफी कम हैं. सेना को जिस भरोसे और ताकत की जरूरत है, वो Jimny में नहीं दिखाई देती है.
क्या है सेना की पसंद के मायने?
सेना की यह पसंद सिर्फ टेक्निकल नहीं, स्ट्रैटेजिक भी है. Gurkha न केवल ऑपरेशनल जरूरतें पूरी करती है, बल्कि यह पूरी तरह भारत में बनी है, जिससे लॉन्ग टर्म सपोर्ट, फील्ड मरम्मत और पार्ट्स की सप्लाई आसान हो जाती है.
Force Motors ने बॉर्डर एरियाज में स्पेयर स्टोरेज और ट्रेन्ड टेक्नीशियन सपोर्ट का वादा किया है. इसके अलावा, Gurkha की सादगी और मजबूती उसे फील्ड में विश्वसनीय बनाती है, जो किसी भी ब्रांड वैल्यू से ज्यादा मायने रखता है.
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