Hal's Stealth drone: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते दिनों हैदराबाद में कहा था कि भारत हथियारों का नया सप्लायर है. रक्षा मंत्री के इस बयान से स्पष्ट है कि अब भारत का कंपटीशन अमेरिका, चीन, रूस और फ्रांस जैसे देशों से है. मौजूदा समय में चौथी पीढ़ी के मॉडर्न हथियार भी तकनीकी रूप से प्रचीन लगते हैं. जमाना अब स्टेल्थ की ओर तेजी से बढ़ रहा है. साथ ही कंपटीशन भी स्टेल्थ हथियारों को लेकर शुरू हो गया है कि किसके पास कितने स्टेल्थ ड्रोन, फाइटर जेट हैं.
रूस-यूक्रेन और इजरायल-ईरान के युद्ध में स्टेल्थ फाइटर जेट्स का बोलबाला रहा है. हाल के युद्धों में ये साबित किया कि जिसके पास रडार को चकमा देने वाले फाइटर जेट्स हैं वो आसमान का बाहुबली है. वहीं भारत दुनिया कौ चौथा सबसे शक्तिशाली देश है, लेकिन अभी तक एक स्टेल्थ फाइटर जेट वायुसेना के पास नहीं हैं. हालांकि स्टेल्थ फाइटर जेट बनाने की दिशा में भारत तेजी से काम कर रहा है.
इस बीच HAL ने स्टेल्थ ड्रोन बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है. इसका डिजाइन एचएल ने तैयार कर लिया है. वहीं अब इस नए शक्तिशाली ड्रोन की शक्तियों का भी पता चल चुका है. ऐसे में आज हम जानेंगे की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स का स्टेल्थ ड्रोन कितना खतरनाक है और यह क्या क्या कर सकता है?
रडार को चकमा देने में माहिर स्वदेशी ड्रोन
भारत का स्वदेशी स्टेल्थ ड्रोन रडार को चकमा देने में माहिर होगा. इसमें S- आकार का एग्जॉस्ट पाइप, विमान के ढांचे में छिपे डेटा लिंक एंटीना, V आकार की टेल पूंछ दी गई है. यह रडार और इंफ्रारेड सिग्नेचर को कम करती है. इसके अंदर एक छोटा सा शस्त्रागार भी होगा. इसमें स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन होंगे. इसके अलावा एयर लॉन्च क्रूज मिसाइल भी होंगी. यह ऐसा ड्रोन होगा जो हमला करके वापिस भी आ सकता है. क्योंकि हमला करते समय भी इसकी स्टेल्थ क्षमता बनी रहेगी.
दुश्मन की नाक के नीचे 12 घंटे तक उड़ने में सक्षम
यह ड्रोन 50,000 फिट की ऊंचाई पर ऑपरेट करेगा, जो इसकी सबसे बड़ी खासियत मानी जा रही है.एक स्टेल्थ ड्रोन को 50 हजार फिट ऊपर पकड़ना लगभग नामुमकिन है. भारत और चीन की सीमा से सटे दुर्गम इलाकों में की निगरानी करेगा और सूचनाएं भेजेगा. साथ ही जरूरत पड़ने पर हमला भी कर सकता है. यह लगातार 12 घंटे तक उड़ान भरने और छिपे रहने में सक्षम होगा. इस वजह से समुद्र में इंडियन नेवी भी इसका इस्तेमाल कर सकती है.
स्वदेशी स्टेल्थ ड्रोन के इंजन को लेकर असमंजस
इस ड्रोन के लिए HAL को एक मजबूत इंजन की जरूरत है. जो तेजी से और 50000 फिट की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हो. इसके लिए HTFE-25 इंजन का अपग्रेडेड संस्करण के इस्तेमाल की चर्चा चल रही है. विकल्प के तौर पर निजी कंपनियों के टर्बोफैन इंजन की भी चर्चा है. HALऐसे विकल्पों पर काम कर रहा है, जिसमें यह ड्रोन सर्फेस टू एयर मिसाइल हमलों से बच सके.
मिसाइलों को लेकर उड़ने में सक्षम
यह ड्रोन उन्नत एवियोनिक्स से लैस होगा. इसके अलावा स्वदेशी रडार, सेंसर, इन्फ्रारेड कैमरे और EW सूट से लैस होगा. इस ड्रोन की खास बात है कि लक्ष्यों की पहचान करके सटीक हमले करने में सक्षम होगा. यह ड्रोन Alpha-S स्वार्म ड्रोन या Astra Mk1 जैसी हवा-से-हवा मिसाइलें भी लेकर उड़ सकता है.
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