नई दिल्लीः Char Dham Yatra: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को मंजूरी मिल गई है. नैनीताल हाई कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में सुनवाई की और 28 जून को चारधाम यात्रा पर लगाई रोक के अपने फैसले को वापस ले लिया. कोर्ट ने यात्रा के दौरान कोविड नियमों का पालन करते हुए कुछ प्रतिबंधों के साथ इसे शुरू करने का आदेश दिया. 


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यात्रियों की संख्या की तय
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई.


 



कोर्ट ने केदारनाथ धाम में 800 यात्री, बद्रीनाथ धाम में 1200 यात्री, गंगोत्री में 600 यात्री और यमुनोत्री में 400 यात्रियों को जाने की अनुमति दी. साथ ही प्रत्येक यात्री के लिए कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन सर्टिफिकेट ले जाना अनिवार्य किया. 


कुंड में स्नान की अनुमति नहीं
कोर्ट ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में चारधाम यात्रा के दौरान आवश्यकता अनुसार पुलिस फोर्स तैनात करने के भी निर्देश दिए. साथ ही कहा कि यात्री या भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे.


 


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एसओपी जारी करेगी सरकार
हाई कोर्ट की तरफ से चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटने के बाद उत्तराखंड सरकार यात्रा के लिए नई एसओपी जारी करेगी. बता दें कि सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से महाधिवक्ता ने कोर्ट में कहा था कि कोरोना संक्रमण अभी नियंत्रण में है. ऐसे में यात्रा पर लगी रोक हटाई जाए. 


व्यापारियों को हो रहा था नुकसान
बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते नैनीताल हाई कोर्ट ने 26 जून को चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी. लेकिन, चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारियों की ओर से मांग की जा रही थी कि सरकार यात्रा शुरू करे. चारधाम यात्रा पर निर्भर लोगों को काफी नुकसान हो रहा था. अब कोर्ट की तरफ से यात्रा शुरू करने के बाद हजारों यात्रा व्यापारियों व तीर्थ पुरोहितों समेत उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के लोगों की आजीविका पटरी पर लौटने की उम्मीद है.


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