चंडीगढ़: हरियाणा में खासतौर पर नूंह जिले में बढ़ते गौकशी के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अब कड़ा रुख अपनाते हुए हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल पवन गिरधर को पुरे जिले का दौरा कर जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही नूह के एस.पी. को आदेश दिए हैं कि वह जांच के दौरान पवन गिरधर को पूरी सुरक्षा प्रदान करें. जस्टिस महाबीर सिंह सिंधु ने यह आदेश नूंह में गौवंश संरक्षण एंड गोवंश संवर्धन एक्ट-2015 के बढ़ते मामलों में लिए गए संज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए हैं.
बिहार में तेज हुई चूड़ा दही की राजनीति, लिंक पर क्लिक कर जानें खबर.
हाइकोर्ट ने जारी किया आदेश
हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक बाल्यान जिन्हें इस मामले में हाईकोर्ट को सहयोग दिए जाने के लिए कोर्ट मित्र नियुक्त किया था. उन्होनें ज़ी मीडिया को बताया कि नूह जिले की जांच कर हाईकोर्ट में जो रिपोर्ट सौंपी गई थी जिसमें यह भी बात सामने आई थी कि गो तस्करी और गौकशी रोकने के लिए नूंह के स्थानीय पुलिस के पास पर्याप्त इन्फ्रास्टक्चर नहीं है. हाईकोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि नूंह के अधिकतर थानों में पूरा स्टाफ ही नहीं है और न ही किसी थाने में दो से अधिक वाहन है. ऐसे में बढ़ते गौकशी के मामलों पर लगाम लगाए जाने के लिए एक अलग विंग बनाए जाने का सुझाव दिया गया था जिसके पास पर्याप्त स्टाफ और अन्य सभी संसाधन उपलब्ध हों. अपनी रिपोर्ट में दीपक बाल्यान ने यह भी बताया था कि नूंह के एक तरफ राजस्थान तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की सीमा से लगती है. ऐसे में इस जिले के दोनों राज्यों की ओर की एंट्री पर स्थाई पुलिस चौंकियां बनाए जाने का सुझाव दिया गया है ताकि दोनों बाहरी राज्यों से आने और जाने वाले सभी वाहनों की नियमित जांच की जा सके.
निर्भया के गुनहगारों को मिली मौत की सजा, लिंक पर क्लिक कर जानें खबर.
हाईकोर्ट मामले की सुनवाई के दौरान पहले ही कहा जा चूका है कि गायों के कत्ल करने के लिए की जा रही गौ तस्करी अब एक संगठित गिरोह का रूप धारण कर चुकी है. और यह गिरोह गैर-कानूनी हथियारों से लैस हैं जो पुलिस प्रशासन पर भारी पड़ रहा है. यही कारण है कि ज्यादातर आरोपी मौके से फरार हो जाते हैं.