Indian Defence innovation: स्वदेशी रक्षा निर्माता, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) निजी क्षेत्र के साथ रक्षा नवाचार को मजबूत करने और 15 उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना के लिए पूरी तरह तैयार है.
DRDO ने निजी क्षेत्र के साथ सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी विकास निधि (TDF) योजना के तहत नई डीप टेक और अत्याधुनिक नीतियों की शुरुआत की है. यह रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने शुक्रवार को संसद को बताया. उन्होंने कहा कि इन निजी संस्थाओं को उभरती प्रौद्योगिकियों के संयुक्त विकास के लिए अनुदान के माध्यम से फंड किया जाएगा.
Make in India पहल
TDF योजना रक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया एक प्रमुख कार्यक्रम है और इसे DRDO द्वारा क्रियान्वित किया जाता है. इसका उद्देश्य सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है. इसमें स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों को डिजाइन और विकसित करने के लिए उद्योगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने की रूपरेखा तैयार की गई है.
लोकसभा में कांग्रेस सांसद संजना जाटव के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए सेठ ने बताया कि DRDO की प्रयोगशालाओं ने संरचित अनुसंधान रोडमैप अपनाए हैं और रक्षा प्रौद्योगिकियों और उत्पादों में नई उभरती वैश्विक प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए हर दो महीने में समीक्षा तैयार करेंगे.
मंत्री ने कहा कि 84 प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भविष्य के अनुसंधान को आगे बढ़ाने और रक्षा प्रौद्योगिकियों के स्वदेशीकरण को सुविधाजनक बनाने के लिए IITs, IISc और केंद्रीय विश्वविद्यालयों जैसे प्रमुख संस्थानों में 15 DRDO उद्योग अकादमिक उत्कृष्टता केंद्रों (DIA-CoEs) का एक नेटवर्क स्थापित किया गया है.
बता दें कि DRDO अपने वैज्ञानिकों को रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय डेटाबेस तक ऑनलाइन पहुंच भी प्रदान करेगा.
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