नई दिल्ली: देश में 21 दिन के लॉकडाउन का आज तीसरा दिन है. लेकिन देश के सामने अभी 18 और दिन की अग्निपरीक्षा बाकी है. हम सभी इस लॉकडाउन का देशहित में अपने हित में पालन कर रहे हैं और यही एक तरीका है जिससे हम कोरोना कहर से बच सकते हैं.
ये वीडियों देखें...
A young girl’s message to her father. Do watch. #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/gF7ZVNzGVb
— Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2020
तीसरा दिन, हिंदुस्तान की मुहिम
प्रधानमंत्री मोदी ने इस वीडियो को यही बताने के लिए ट्वीट किया की आप जहां हैं वहीं रहिए नहीं तो लॉकडाउन का उद्देश्य बेकार हो जाएगा.
देश में लॉकडाउन का तीसरा दिन
अब जरा देश में लॉकडाउन के दौरान की इन तस्वीरों को देखिए.
#SocialDistancing | इन तस्वीरों को देखिए, ये दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर की तस्वीरें हैं. यहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं. क्योंकि लॉकडाउन से घबराकर हर कोई पैदल ही अपने गांव लौट जाना चाहता है. #CoronaLockdown pic.twitter.com/zNjKbs8XqP
— आयुष पत्रकार (@ayush_sinha7) March 27, 2020
ये तस्वीरें देखिए दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर की हैं. इसमें देखा जा सकता है कि कैसे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां इसलिए उड़ रही हैं. क्योंकि दिहाड़ी मजदूर घर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन इसमें इनका भी कसूर नहीं हैं क्योंकि इनके पास ना तो काम है और रुपये पैसे भी खत्म हो रहे हैं. सार्वजनिक परिवहन चल नहीं रहा इसलिए पैदल ही गांवों की ओर चल दिए हैं.
सरकार की पहली कोशिश यही है की आवश्यक सेवाएं प्रभावित ना हो. गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्या सलिल श्रीवास्तव का कहना है कि "सरकार आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन, उसकी आपूर्ति और वितरण पर पूरा ध्यान दे रही है. सरकार का ध्यान इस बात पर है कि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाएं प्रभावित न हों. प्रवासी मजदूरों को भोजन और आश्रय देने के लिए राज्य सरकारें काम कर रही हैं."
सरकार कोरोना के खिलाफ बुनियादी ढांचा मजबूत कर रही है PSU को 10,000 वेंटिलेटर देने का आदेश दिया गया है. जबकि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने भी 1 से 2 महीनों में 30,000 अतिरिक्त वेंटिलेटर खरीदने का अनुरोध किया है. करीब 1 लाख 40 हजार कंपनियों के कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं.
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वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दावा किया की कोरोना के मामले कम हो रहे हैं और अगर कोरोना के 100 मामले भी रोज आते हैं तो तैयारी पूरी है. लेकिन जरूरत इस बात की है की दिहाड़ी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए एक पूरा ब्लूप्रिंट तैयार करके ऐसा सिस्टम बनाया जाना चाहिए जिससे लोग सड़कों पर पैदल चलते हुए भी ना दिखाई दें.
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