IAF Rafale Fighter Jet With Indigenous Weapons: भारत लंबे समय से राफेल फाइटर जेट्स को अपग्रेड करने की योजना बना रहा है. भारत चाहता है कि राफेल लड़ाकू विमान में देसी हथियार और मिसाइलों को इंटीग्रेट किया जा सके. हालांकि, बार-बार सोर्स कोड्स की डिमांड करने के बाद भी राफेल बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने इसे साझा नहीं किया. लेकिन अब राफेल को देसी हथियारों से लैस करने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है.
भारत देसी हथियार इंटीग्रेट करने के लिए आजाद
दरअसल, डसॉल्ट एविएशन के अधिकारियों ने आईडीआरडब्ल्यू से बात करते हुए कहा कि भारतीय वायु सेना राफेल जेट पर किसी भी स्वदेशी हथियार प्रणाली को इंटीग्रेट करने के लिए स्वतंत्र है. इतना ही नहीं, भारत की ओर से इंटीग्रेट किए जाने वाले हथियारों के प्रकार या संख्या पर कोई लिमिट नहीं लगाई जाएगी. डसॉल्ट एविएशन ने ये भी आश्वासन दिया है कि उसकी टीम इस कार्य में भारत की मदद करने के लिए भी तैयार है.
सोर्स कोड पर क्या बोली डसॉल्ट एविएशन?
जबकि दूसरी ओर, भारत चाहता है कि वह डसॉल्ट एविएशन की दखल के बिना ही अपने राफेल अपग्रेड करे. लेकिन इसके लिए IAF को सोर्स कोड की आवश्यकता होगी, जो फ्रांस ने भारत को नहीं दिया है. इस मुद्दे पर डसॉल्ट के अधिकारियों ने कहा है कि राफेल का रडार 'थेल्स' नामक कंपनी ने बनाया है. रडार के सॉफ्टवेयर वाले पार्ट पर डसॉल्ट का कोई राइट नहीं है, लिहाजा सोर्स कोड साझा करना हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
ये हथियार इंटीग्रेट करना चाह रहा भारत
भारतीय वायुसेना राफेल विमानों में स्वदेशी हथियार जैसे- Astra MkI, SAAW और ब्रह्मोस-एनजी (BrahMos-NG) मिसाइलें इंटीग्रेट करना चाह रहा है. इन देसी हथियारों से लैस होने के बाद राफेल फाइटर जेट की ताकत और भी बढ़ जाएगी. मगर इसके रडार सिस्टम के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर फ्रांसीसी कंपनियों डसॉल्ट और थेल्स के हैं. भारत इनसे ही सोर्स कोड की मांग लंबे समय से कर रहा है.