Khagantak-225 Glide Bomb Su-30 MKI Fighter Jet: भारतीय वायुसेना दिन दोगुनी और रात चौगुनी रफ्तार से अपनी ताकत में इजाफा कर रही है. इसी कड़ी में अब सुखोई-30 एमकेआई (Su-30 MKI) फाइटर जेट को एयर भी घातक बनाया जा रहा है. भारत जो कदम उठाने जा रहा है, वह ना सिर्फ वायुसेना की मजबूती देगा, बल्कि आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा. चलिए, जानते हैं कि भारत ने Su-30 MKI लड़ाकू विमान में ऐसा क्या जोड़ा है, जिस कारण चीन-पाकिस्तान की सांस फूल गई है.
Khagantak-225 ग्लाइड बम से लैस हुआ सुखोई
दरअसल, भारत ने Su-30 MKI लड़ाकू विमान को Khagantak-225 ग्लाइड बम से लैस कर दिया है. इस बम को नागपुर के स्टार्टअप जेएसआर डायनामिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के सहयोग से बनाया गया था. यह बम सुपर सुखोई कार्यक्रम के तहत विमान लड़ाकू विमान में जोड़ा गया. इसमें विरुपाक्ष AESA रडार और अन्य स्वदेशी उपकरणों को फिट किया गया है.
इस वजन में इतनी क्षमता
Khagantak 225 ग्लाइड बम का वजन 243 किलो है. इस बम में 108 किलो तो केवल विस्फोटक वारहेड है. ये दुश्मन के किलेबंद बंकरों, कमांड पोस्ट और सैन्य पोस्ट को तबाह कर सकता है. इस बम का डिजाइन ऐसा है कि ये रडार की पकड़ में आसानी से नहीं आता है.
ऐसे टारगेट को भेदता है
जब इस बम को Su-30 MKI लड़ाकू विमान से 12 किलोमीटर की ऊंचाई और मैक 0.8 की गति पर लॉन्च किया जाता है, तो यह 180 किलोमीटर की दूरी तक टारगेट को भेद सकता है.
भारत के पास गौरव ग्लाइड बम भी
भारतीय वायु सेना के पास पहले से ही गौरव ग्लाइड बम है, जो 1,000 किलो का है. इसकी रेंज 100 किलोमीटर है. Khagantak-225 ग्लाइड बम भले हल्का है, लेकिन इसकी लंबी रेंज और स्टील्थ क्षमता इसे बाकी बमों से अलग बनाती है.
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