नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना (IAF) लगातार अपनी ताकत बढ़ाने की दिशा में प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए अब IAF अपने बेड़े में राफेल फाइटर जेट की संख्या बढ़ाने जा रहा है. ऐसे में फ्रांस सरकार और भारत की सरकार (G2G) के बीच हुए एक सौदे के तहत 40 अतिरिक्त राफेल विमान खरीदे जा सकते हैं. यह योजना ऐसे समय पर बनाई गई है जब भारतीय नौसेना भी अपनी शक्तियों को बढ़ाते हुए 26 राफेल-M फाइटर विमान खरीदने की तैयारी में है. यह डील भारत की सैन्य ताकतों को बढ़ाने के लिए की जा रही हैं.
IAF में मजबूती के लिए बनाई गई योजना
यह योजनाएं भारतीय वायु सेना में लड़ाकू विमानों की कमी को पूरा करने और मजबूती लाने के लिए बनाई जा रही हैं. पिछले ही दिनों कैबिनेट कमेटी ने नौसेना में 26 राफेल-एम विमानों के लिए 63,000 करोड़ रुपे के सौदे को मंजूरी दी है. अप्रैल, 2025 के अंत तक फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू के भारत दौरे के लिए आ सकते हैं, उम्मीद की जा रही है कि इसी दौरान नौसेना के लिए की गई इस डील पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं. ये डील्स को भारत के सैन्य आधुनिकरण में एक अहम कदम माना जा रहा है.
नई नहीं है रणनीति
फ्रांस से 40 अतिरिक्त राफेल फाइटर जेट खरीदने की योजना भारत के पिछले कार्यक्रम को ही आगे बढ़ाने की एक रणनीति है, न कि इसके साथ कोई नई शुरुआत की जा रही है. IAF के पास वर्तमान में सिर्फ 31 फाइटर स्क्वाड्रन हैं, जबकि सेना के पास 42.5 की स्ट्रेंथ है. इस कमी को पूरा करने के लिए वायु सेना के बेड़े में और सुधार करने की जरूरत है. दूसरी ओर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह का कहना है कि IAF की ताकत बनाए रखने के लिए हर साल 35 से 40 नए लड़ाकू विमानों को बेड़े में शामिल करने की जरूरत है, खासतौर पर उस समय जब मिग-21 और जगुआर जैसे फाइटर जेट रिटायर होने जा रहे हैं. हालांकि, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) वायु सेना को 97 स्वदेशी तेजस MK-1A फाइटर जेट देने के लिए तेजी से काम कर रही है. माना जा रहा है कि सेना को 2030 तक विमान मिल जाएंगे.
चीन-पाकिस्तान पर भारी पड़ेगा भारत
डिफेंस प्लानर्स के लिए भारतीय वायु सेना की फाइटर स्क्वाड्रन का शक्तियां लगातर चिंता का विषय बनी हुई है. इस समय IAF के पास 31 स्क्वाड्रन है, जबकि स्वीकृत संख्या 42 है. वहीं, भारत के सामने चीन और पाकिस्तान जैसी दो चुनौतियां है. हालांकि, भारत इनसे निपटने के लिए भारत के पास स्वदेश तेजस MK-1A और भविष्य के तेजस MK-2 हैं. युद्ध के लिए विमानों की खरीद भी जरूरी है. वैसे, 36 राफेल विमानों ने वायु सेना की क्षमता को काफी बढ़ा दिया है.
IAF के पासे होंगे 76 राफेल
ये 40 राफेल फाइटर जेट्स मिलने के बाद वायु सेना के पास कुल 76 राफेल विमान हो जाएंगे, जो लगभग चार स्क्वाड्रन के बराबर हैं. ऐसे में स्क्वाड्रन की कमी को काफी तक पूरा किया जा सकेगा. वहीं, वायु सेना के पायलट और ग्राउंड क्रू पहले ही राफेल विमानों से परिचित हैं, ऐसे में नए 40 विमानों को समझना और इनकी सेवाएं लेना उतना मुश्किल नहीं होगा, जितना किसी दूसरे नए फाइटर जेट के साथ हो सकता था.
राफेल ने किया है खुद को साबित
भारत ने राफेल विमानों की संख्या बढ़ाने की निर्णय कई रणनीतिक कारणों से लिया है. राफेल लीबिया और सीरिया जैसे युद्धक्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन कर चुका है. दूसरी ओर भारत में LAC पर ऊंचाई वाले इलाकों में भी राफेल ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है. इसके जटिल सेंसर सिस्टम, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स और विभिन्न हथियारों को जोड़ने की क्षमता भारत के लिए इसे उपयुक्त बनाती है. हालांकि, फिलहाल भारतीय वायु सेना की ओर से 40 अतिरिक्त राफेल खरीदने का आधिकारिक तौर पर ऐलान नहीं किया गया है.
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