ALFA S Swarm Drone: भारतीय वायु सेना नई-नई तकनीकों को आजमाने में लगी हुई है. इस आधुनिक दौर में दुश्मन से लड़ने के लिए हाई टेक वेपन अपनाए जा रहे हैं. अब IAF एक अत्याधुनिक हथियार प्रणाली हासिल करना चाहता है. इसका नाम 'एयर लॉन्च्ड फ्लेक्सिबल एसेट-स्वार्म' (ALFA-S) है, जो स्वार्म ड्रोन (झुंड ड्रोन) पर आधारित है. यह तकनीक भारतीय वायु सेना की Manned-Unmanned Teaming - MUM-T को बढ़ावा देती है.
ALFA-S क्या है?
ALFA-S एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें कई छोटे मानवरहित हवाई वाहन (UAVs) शामिल हैं. ये एक तरह के ड्रोन हैं, जिन्हें एकसाथ झुंड के रूप में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है. ये ड्रोन लॉन्चरों से लॉन्च किए जा सकते है. भारतीय वायु सेना चाहती है कि इन्हें सुखोई Su-30 MKI, राफेल या तेजस जैसे लड़ाकू विमानों के साथ आसानी से जोड़ा जा सकता है. ये ड्रोन 1 से 2 मीटर लंबे हैं और इनमें फोल्डिंग विंग्स यानी मुड़ने वाले पंख लगे हुए हैं. पंख मुड़ सकते हैं, इसलिए इन्हें कैनिस्टर में आसानी से स्टोर किया जा सकता है. ये बैटरी के पावर से 100 किलोमीटर प्रति घंटे से की गति तक जा सकते हैं.
ALFA-S ऐसे काम करती है
ALFA-S को एक ग्लाइडर पॉड के साथ डिजाइन किया गया है, इसमें चार ड्रोन रखे जा सकते हैं. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि एक सुखोई Su-30 MKI जेट पांच पॉड ले जा सकता है, जो ग्लाइडर के रूप में 50-70 किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं. इसके बाद ड्रोन छोड़े जाते हैं, जो अतिरिक्त 150 किलोमीटर की दूरी तक उड़ान भर सकते हैं. इस तरह यह लंबी दूरी से हमला करने और दुश्मन की रक्षा प्रणालियों को भेदने में सक्षम हैं.
ALFA-S का निर्माण कौन कर रहा है?
ALFA-S का विकास हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और बेंगलुरु का स्टार्टअप न्यूस्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज मिलकर कर रहे हैं. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) भी रुस्तम सीरीज UAV और घातक स्टील्थ USV जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुका है. ये ड्रोन भी इस परियोजना में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
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