IAF Brahmos NG Power: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव हुआ, जिसके बाद इंडियन आर्मी अपने वेपन्स को तेजी से डेवलप कर रही है. अब भारतीय वायुसेना अपने तीन फाइटर जेट्स को और भी पावरफुल बनाने की दिशा में काम कर रही है. ब्रह्मोस-NG यानी BrahMos-Next Generation मिसाइल भारत का 'ब्रह्मास्त्र' कहलाती है, अब इससे तीन श्रेणी के लड़ाकू विमानों को लैस किया जाएगा. सुखोई-30 MKI फाइटर जेट तो पहले ही ब्रह्मोस-ए से लैस हो चुका है. बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने ब्रह्मोस-ए से ही पाक के एयरबेस को निशाना बनाया, जिसे पाक डिटेक्ट ही नहीं कर पाया. अब इसे एडवांस वर्जन से तो पाक की चिंता और बढ़ जाएगी.
किन विमानों में जोड़ी जाएगी BrahMos-NG मिसाइल?
IDRW की रिपोर्ट बताती है कि ब्रह्मोस-एनजी, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल मिसाइल है. इसे मिग-29 (MiG-29), मिराज 2000 (Mirage 2000) और स्वदेशी तेजस (Tejas) लड़ाकू विमान से जोड़ा जाएगा. इससे भारतीय वायुसेना की हवाई हमला करने की क्षमता और बढ़ जाएगी.
BrahMos-NG मिसाइल कितनी ताकतवर?
भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस की NPO Mashinostroyeniya ने ब्रह्मोस-एनजी मिसाइल को संयुक्त रूप से मिलकर बनाया है. यह मिसाइल अपने पहले वाले वर्जन BrahMos-A की तुलना में अधिक ताकतवर है और वजन में हल्की है. BrahMos-A का वजन लगभग 2.5 टन है, जबकि BrahMos-NG का वजन मात्र 1.3 टन है. इसके अलावा, इसकी लंबाई भी 6 मीटर है, पिछली मिसाइल 9 मीटर लंबी थी. इस मिसाइल की स्पीड 2.8 मैक है. इसकी रेंज 450 किलोमीटर तक है.
कैसे ताकतवर होगी भारतीय वायुसेना?
BrahMos-NG मिसाइल की इन 3 फाइटर जेट्स पर तैनाती होने से भारतीय वायुसेना को ताकत मिलेगी. यह मिसाइल दुश्मन के ठिकाने, नौसैनिक जहाजों और एनिमी के व्हीकल्स को टारगेट करने की क्षमता रखती है. ये मिसाइल गाइडेंस सिस्टम और स्टील्थ तकनीक से लैस है, इसलिए एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकती है. इसका वजन हल्का होने के कारण फाइटर जेट्स इसे आसानी से कैरी कर सकते हैं और दुश्मन पर भी तेज गति से अटैक कर सकते हैं.