Rafale Jet With Astra Missiles: भारत की वायुसेना अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर रही है. अब भारतीय वायुसेना (IAF) अपने 36 राफेल लड़ाकू विमानों को स्वदेशी रूप से विकसित ASTRA MK-1 और MK-2 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस करने की योजना बना रही है. यदि ऐसा होता है तो ये मिसाइलें राफेल में लगी फ्रांस की MICA मिसाइलों को रिप्लेस करेंगी.
भारत ने 2016 में की थी 36 राफेल की डील
दरअसल, भारतीय वायुसेना ने 2016 में फ्रांस की दसॉ एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया था. 2020 से 2022 तक भारत को ये राफेल फाइटर जेट्स सौंपे गए. ये विमान अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हैं. राफेल वर्तमान में MICA मिसाइलों से लैस हैं, जो इन्फ्रारेड (IR) और रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) वेरिएंट में उपलब्ध हैं. लेकिन इनकी रेंज मात्र 80 किलोमीटर की रेंज है. जबकि अमेरिका की AIM-120D या चीन की PL-15 अधिक प्रभावी मानी जाती हैं.
स्वदेशी मिसाइलों की कीमत भी कम
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन -DRDO द्वारा विकसति ASTRA मिसाइलें राफेल में लगा दी जाती हैं, तो ये पहले से ज्यादा दमदार होगा. ASTRA मिसाइलें ना सिर्फ MICA से बेहतर रेंज देती हैं, बल्कि इनकी लागत भी उनसे कम हो सकती है. मेट्योर मिसाइल की कीमत लगभग 25 करोड़ रुपये प्रति यूनिट है. जबकि ASTA MK-1की कीमत करीब 0.7 मिलियन डॉलर यानी लगभग 5.8 करोड़ रुपये है.
ASTRA MK-1 की क्या खासियत?
- इसकी रेंज 110 किलोमीटर से अधिक है.
- ये मिसाइल 3.6 मीटर लंबी है और इसका वजन 154 किलो है.
- तेज गति से चलने वाले लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है और इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेशर्स के खिलाफ मजबूत है.
- सुखोई Su-30MKI और LCA तेजस इससे लैस हो चुके हैं.
ASTRA MK-2 में क्या खूबियां?
- इसकी रेंज 140 से160 किलोमीटर के बीच है.
- इसमें डुअल-पल्स सॉलिड रॉकेट मोटर शामिल है.
- उन्नत एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैनड ऐरे (AESA) सीकर
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