नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हिंदू धर्म छोड़कर मुसलमान या ईसाई बनने वाले लोगों को आरक्षण व्यवस्था का लाभ नहीं मिलेगा. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके ये बात कही है.
अदालत में दायर की गई थी याचिका
इसके पहले अदालत में एक याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें ये मांग की गई ती कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को भी आरक्षण की सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए. ये याचिका मोहम्मद सादिक नाम के एक शख्स ने दाखिल की थी. जो कि पहले हिंदू था और उसका नाम मुकेश कुमार था. सादिक उर्फ मुकेश धर्म परिवर्तन के बाद भी आरक्षण व्यवस्था का लाभ हासिल करना चाहता था.
सरकार ने दिया ये जवाब
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई इस याचिका का केन्द्र सरकार ने विरोध किया. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने अदालत के गुजारिश की है कि वादी मुकेश उर्फ सादिक की इस याचिका को खारिज कर दिया जाए. क्योंकि मुस्लिम और ईसाई धर्म में छुआछूत जैसी कुरीतियां नहीं है. यही वजह है कि आरक्षण व्यवस्था का लाभ हिन्दू धर्म की विभिन्न जातियों को मुहैया कराया गया. लेकिन दूसरे धर्म के लोगों को इस दायरे से बाहर रखा गया.
सरकार ने अदालत में बकायदा हलफनामा दायर करके धर्म परिवर्तित लोगों को आरक्षण व्यवस्था का लाभ देने की मांग का विरोध किया है.