इमरान की गिरफ्तारी से चुनाव में होगा शहबाज की पार्टी को फायदा! जानें क्या कहते हैं पाक एक्सपर्ट्स

पंजाब में पीएमएल-एन के एक वरिष्ठ नेता ने पहचान गुप्त रखे जाने की शर्त पर कहा, ‘सत्ता प्रतिष्ठान और पीएमएल-एन दोनों में यह आशंका थी कि जब तक इमरान खान एक स्वतंत्र व्यक्ति हैं, उन्हें चुनाव में रोकना आसान नहीं होगा. इसलिए, उनकी गिरफ्तारी चुनाव के लिए एक शर्त थी, अन्यथा चुनाव में देरी का कोई कारण नहीं था.’ 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 6, 2023, 09:29 PM IST
  • इमरान के स्वतंत्र रहते चुनाव जीतना था मुश्किल.
  • एक्सपर्ट्स का कहना है- अब पीएमएल-एन को फायदा.
इमरान की गिरफ्तारी से चुनाव में होगा शहबाज की पार्टी को फायदा! जानें क्या कहते हैं पाक एक्सपर्ट्स

लाहौर. पाकिस्तान में कुछ विश्लेषकों और राजनेताओं का मानना है कि भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को दोषी करार दिए जाने और तीन साल जेल की सजा सुनाए जाने के फैसले ने आम चुनाव कराने में एक बड़ी बाधा दूर कर दी है. विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना से सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और शक्तिशाली सेना को आगामी चुनाव में 'वांछित परिणाम' प्राप्त करने में मदद मिलेगी. इस्लामाबाद की एक अदालत ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 'भ्रष्ट आचरण' के लिए दोषी करार दिया, जिसके बाद शनिवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. अदालत के इस फैसले के बाद खान पांच साल तक किसी भी सार्वजनिक पद पर आसीन नहीं हो सकेंगे.

इस्लामाबाद स्थित जिला एवं सत्र अदालत के अतिरिक्त न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने इमरान खान को तीन साल जेल की सजा सुनाने के अलावा उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने कहा कि जुर्माना नहीं देने पर उन्हें और छह महीने तक जेल में रखा जाएगा. तोशाखाना कैबिनेट प्रभाग के अंतर्गत एक विभाग है, जहां सरकारों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शासकों और सरकारी अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है.

इमरान पर आरोप है कि उन्होंने तोशाखाना से कुछ उपहार खरीदे, जिनमें एक कीमती घड़ी भी शामिल थी, और उसे लाभ कमाने के लिए बेच दिया. अदालत का यह फैसला ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान (70) के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जिन्हें तीन महीने के भीतर दूसरी बार गिरफ्तार किया गया है.

'वांछित परिणामों' का रास्ता साफ
राजनीतिक विश्लेषकों से लेकर मुख्यधारा के नेताओं तक, पाकिस्तान में हाल के सप्ताहों में इस बात पर चर्चा शुरू हुई है कि अक्टूबर/नवंबर में होने वाले आम चुनाव इमरान खान को जेल भेजे जाने के बाद ही होंगे, और इससे सेना के लिए आम चुनाव में वांछित परिणाम हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा और वह (सेना) अपने मुताबिक सरकार बनवा सकेगी. राजनीतिक विश्लेषक हसन अस्करी रिजवी के मुताबिक इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद चुनाव में देरी का कोई कारण नहीं बचा है.

पीएमएल-एन और सेना के विचारों में समानता
हसन अस्करी रिजवी ने कहा, ‘आम चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ पीएमएल-एन और सेना के विचारों में समानता प्रतीत होती दिखाई दे रही है.’ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले हफ्ते सहयोगी दलों के नेताओं से कहा था कि वह नेशनल असेंबली को भंग करने के लिए नौ अगस्त को राष्ट्रपति से सिफारिश करेंगे. हसन अस्करी रिजवी ने कहा कि जनगणना के कारण चुनाव में कुछ महीनों की देरी होनी तय है, अन्यथा अब कोई अन्य बड़ी बाधा नहीं बची है. शहबाज शरीफ ने हाल ही में कहा था कि 2023 की डिजिटल जनगणना के तहत चुनाव होंगे.

क्या बोले इमरान की पार्टी के नेता
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की वरिष्ठ नेता मुसर्रत चीमा ने कहा कि इमरान खान को पीएमएल-एन, खासकर इसकी मुख्य आयोजक मरियम नवाज की मांग पूरी करने के लिए गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने चुनाव में जाने के लिए यह शर्त रखी थी. मुसर्रत चीमा ने कहा कि इस साल के अंत में होने वाले आम चुनाव में इमरान खान के जीतकर एक बार फिर सत्ता में आने की उम्मीद थी. मुसर्रत चीमा ने ट्वीट किया, ‘आज, एक राष्ट्रीय नायक (इमरान खान) को फर्जी मामले में अयोग्य ठहराकर और दोषी ठहराकर न्याय की हत्या कर दी गई. मरियम नवाज ने चुनाव के लिए लंबे समय से यही शर्त रखी थी.’ 

बाहर रहते इमरान तो जीतना था मुश्किल
पंजाब में पीएमएल-एन के एक वरिष्ठ नेता ने पहचान गुप्त रखे जाने की शर्त पर कहा, ‘सत्ता प्रतिष्ठान और पीएमएल-एन दोनों में यह आशंका थी कि जब तक इमरान खान एक स्वतंत्र व्यक्ति हैं, उन्हें चुनाव में रोकना आसान नहीं होगा. इसलिए, उनकी गिरफ्तारी चुनाव के लिए एक शर्त थी, अन्यथा चुनाव में देरी का कोई कारण नहीं था.’ पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के एक प्रतिष्ठित वकील जुल्फिकार अहमद भुट्टा ने कहा कि तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद इमरान खान अब पीटीआई प्रमुख के पद पर नहीं बने रह सकते.

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