डिफेंस सिस्टम में आएगी मजबूती! S-400 और S-500 को खरीदने पर विचार; चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने बताया पूरा सच

S-400 missile system: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में S-400 मिसाइल की ताकत दिखाई और अब अपनी एयर डिफेंस क्षमता बढ़ाने के लिए और बैच खरीदने पर विचार कर रहा है. साथ ही, S-500 मिसाइल सिस्टम की खरीदना भी प्लान में शामिल है.  

Written by - harsh singh | Last Updated : Oct 5, 2025, 09:58 AM IST
  • S-400 ने दिखाया ऑपरेशन सिंदूर में प्रभाव


    S-500 से बढ़ेगी एयर डिफेंस क्षमता
डिफेंस सिस्टम में आएगी मजबूती! S-400 और S-500 को खरीदने पर विचार; चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने बताया पूरा सच

S-400 missile system: इंडिया के पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर धावा बोलने के बाद S-400 की ताकत को पूरी दुनिया ने देख ली है, इसी के साथ-साथ भारत अपनी एयर डिफेंस को और मजबूत बनाना चाहता है. जानकारी के मुताबिक, इंडियन एयरफोर्स (IAF) रूस से S-400 जमीन-से-आकाश (surface-to-air) मिसाइल सिस्टम के और बैच खरीदने पर विचार कर रही है. यह कदम ऑपरेशन सिंदूर में इन  S-400 की ताकत को देखते हुए उठाया जा रहा है.

 5 अरब डॉलर का समझौता
भारत ने पहले ही अक्टूबर 2018 में रूस के साथ S-400 मिसाइल सिस्टम की पांच यूनिट खरीदने के लिए 5 अरब डॉलर का समझौता किया था. उस समय अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि यह सौदा करने पर अमेरिका की CAATSA (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act) के तहत प्रतिबंध लग सकते हैं. इसके बावजूद भारत ने सौदा पूरा किया और अब तक तीन स्क्वाड्रन डिलीवर हो चुके हैं.

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मार्शल एपी सिंह का प्रेस कॉन्फ्रेंस
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीधे तौर पर यह नहीं बताया कि भारत और बैच खरीदने जा रहा है या नहीं. उन्होंने कहा, यह सिस्टम अच्छा साबित हुआ है. ऐसे में अधिक सिस्टम की जरूरत है. खरीदी की संख्या की कोई सीमा नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि भारत अपनी खुद की मिसाइल प्रणाली भी विकसित कर रहा है और आने वाले समय में उस पर निर्णय लिया जाएगा.

 S-500 मिसाइल सिस्टम पर विचार
S-400 मिसाइल सिस्टम ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अहम भूमिका निभाई थी और उसकी सफलता ने इंडियन एयरफोर्स को और अधिक काबिल बनाया है. सूत्रों के अनुसार, भारत रूस से S-500 मिसाइल सिस्टम की खरीद पर भी विचार कर सकता है. S-500, S-400 से अधिक एडवांस है और अधिक दूरी और गति पर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है.

यह कदम भारत की वायु रक्षा क्षमता को अगले लेवल तक ले जाने का इशारा है. रूस से मिसाइल सिस्टम की खरीद से भारत न केवल अपनी सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि क्षेत्रीय चुनौतियों के समय अपने हवाई अड्डों और महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर की रक्षा भी सुनिश्चित कर सकेगा.

विशेषज्ञों का मानना है कि S-400 और भविष्य में S-500 सिस्टम की खरीद से भारत की एयर डिफेंस क्षमता और भरोसेमंद होगी. साथ ही, यह कदम भारत की रणनीतिक तैयारी और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा.

कुल मिलाकर, S-400 की सफलता और S-500 पर विचार से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी हवाई रक्षा प्रणाली को और एडवांस बनाने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है, जिससे भविष्य में किसी भी आपातकालीन स्थिति में देश की सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित हो सके.
 

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