भारत खुद से नए हथियारों को बनाने में जुट गया है. ऐसे में आने वाला दशक में चार अत्याधुनिक और स्वदेशी विमान मिलने वाले हैं. इनमें साढ़े पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) भी शामिल है. अगर यूं कहें कि भारत इस दिशा में जिस रफ्तार से काम कर रहा है.उससे भविष्य में वह युद्ध लड़ने का तरीका बदलने वाला है. तो हैरानी नहीं होनी चाहिए. क्योंकि जल्द ही ऐसी टेक्नोलॉजी आने वाली है. जब अत्याधुनिक फाइटर जेट से ही दुश्मनों के सैटेलाइट सिग्नलों को हैक करके सेकंड में दुश्मन की सेना को पंगु बनाया जा सकता है.
सैटेलाइट सिग्नल होंगी जंग रीढ़
आज के जेनरेशन के फाइटर जेट सिर्फ तेज नहीं बल्कि स्मार्ट भी हैं. इनमें नेविगेशन और कम्युनिकेशन के आधुनिक सिस्टम लगे होते हैं. वहीं इनमें लगे AI उनकी क्षमता को कई गुना बढ़ा देता है. दुनिया के सबसे बड़े स्टील्थ जेट अमेरिकी F-35 और रूसी Su-57 जैसे प्लेन सैटेलाइट के माध्यम से सही दिशा. और टार्गेट के हिट कर पाते हैं. ऐसे में अगर सैटेलाइट के ही रोका जाए. तो फाइटर फ्लेन को बेअसर कर सकते हैं. इससे दुश्मन की पूरी योजना फेल हो सकती है.
हाल ही में अमेरिकी सैटेलाइट नासा को भी रोक दिया गया था. यह सैटेलाइट हमला करीब 12 मिनट का था. मगर इतना कम समय अमेरिका को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी था. अभी तक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल जमीनी स्टेशनों से होता रहा है. लेकिन अब जो जेट बन रहे हैं. वे ऐसे पावरफुल इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर टेक्नोलॉजी से लैस हैं. जो न सिर्फ दुश्मनों के सैटेलाइट सिग्नल जाम कर सकते हैं. बल्कि गलत कमांड भेजकर उन्हें दिशा से भटका भी सकते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की ताकत
रूस ने भी दावा कर चुका है कि वह 36 हजार किमी की ऊंचाई तक सैटेलाइट के सिग्नलों को भी जाम कर सकता है. ऐसी टेक्नोलॉजी सुपरसोनिक स्पीड से चलने वाले फाइटर जेट में यूज हो रही है. इससे भविष्य के युद्ध में वे दुश्मनों के लिए बिना लड़े ही तबाही बन सकते हैं. उनके पूरे मिलिट्री सिस्टम को ही ठप कर सकते हैं.
ये स्वदेशी हथियार तैयार हो रहे हैं
भारत भी ऐसे चार अत्याधुनिक फाइटर जेट बना रहा है. ये सारे स्वदेशी फाइटर जेट सभी अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी वाले उपकरणों से लैस रहेंगे. जिनके माध्यम से दुश्मनों की सारी गतिविधियां ही ठप की जा सकती हैं. भारत अभी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) पर काम कर रहा है. यह अमेरिकी एफ-35 और रूसी एसयू-57 जैसे पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट से भी आगे का लड़ाकू विमान बनने वाला है. वहीं एडवांस्ड मीडियम वेट फाइटर जेट Tejas Mk2 पर भी काम चल रहा है.
DRDO भी इंडियन आर्मी के लिए डबल इंजन डेक-बेस्ड मल्टी फाइटर (TEDBF) विकसित कर रहा है. जो समंदर से चलने वाले ऑपरेशन को ध्यान में रखकर बनाया जा सकता है. भारत नेत्र एमके 2 भी बना रहा है. यह एक एडवांस्ड एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम है. इसे भी DRDO ने विकसित किया है. इसे Airbus A321 जैसे विमानों पर लगाने के लिए बनाया गया है. ये सभी ऐसे स्वदेशी विमान बनने वाले हैं. इन्हें सैटेलाइट जैमिंग टेक्नोलॉजी से लैस किया जा सकता है.
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