भारत बनाएगा फाइटिंग व्हीकल; ये ना सिर्फ मार सह पाएगा, बल्कि अचूक वार भी करेगा!

Armoured Vehicle ATGM: BEML और DRDO मिलकर एक बख्तरबंद वाहन बना रहे हैं. यह 8×8 व्हील्ड वाहन है, जिसमें 600-700hp का भारी इंजन होगा. इसकी रफ्तार 80 किमी/घंटा होगी. ये वाहन एंटी-ड्रोन व एंटी-लेजर सिस्टम से लैस होगा. ये रेगिस्तानी और पहाड़ी इलाकों में चलने के काबिल होगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 22, 2025, 11:07 AM IST
  • BEML और DRDO बना रहे बख्तरबंद व्हीकल
  • इसमें होगा 600-700hp का हाई पावर इंजन
भारत बनाएगा फाइटिंग व्हीकल; ये ना सिर्फ मार सह पाएगा, बल्कि अचूक वार भी करेगा!

Armoured Vehicle ATGM: भारत बहुत तेजी से आधुनिक तकनीक के हथियार बना रहा रहा है, ताकि मौका आने पर इंडियन आर्मी दुश्मन के सामने कमजोर ना पड़े. अब भारत एक बख्तरबंद फाइटिंग व्हीकल बनाने वाला है. ये व्हीकल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल-ATGM भी होगा. ये व्हीकल भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड-BEML और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) मिलकर बना रहे हैं. ये भारत सरकार की 'Make In India' की पहल का हिस्सा है. 

इसमें ये खास क्षमता
यह बख्तरबंद वाहन आधुनिक युद्ध की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. इसकी स्पीड भी तेज होगी, इसका बाहरी कवच भी काफी मजबूत होगा और शक्तिशाली वेपन सिस्टम से लैस होगा. ये दुश्मन के टैंक और बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने में सक्षम है. इसकी मिसाइल प्रणाली सटीकता और लंबी दूरी तक टारगेट करने में सक्षम है.

इस व्हीकल की क्या-क्या खूबियां?
- ये एक 8×8 का बख्तरबंद व्हीकल होगा, जो 600-700hp के हाई पावर वाले इंजन से लैस होगा.
- इसकी स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा रहने वाली है.
- ये एंटी ड्रोन और एंटी लेजर स्मोक सिस्टम से भी लैस रहने वाला है.
- इस व्हीकल में फायर एंड फॉरगेट सिस्टम होगा. ये 4 से 5 किमी तक अटैक कर सकता है.
- इसमें दो तरह के अटैक मोड होंगे. पहला टॉप अटैक और दूसरा डायरेक्ट अटैक मोड

आर्मी की जरूरतों के हिसाब से डिजाइन हुआ
बख्तरबंद वाहनों की खास बात ये है कि इन्हें इंडियन आर्मी की जरूरतों के हिसाब से बनाया जाए. भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन बॉर्डर की भौगोलिक परिस्थितियों जैसे- रेगिस्तान, पहाड़ी क्षेत्रों और मैदानी इलाकों में काम करने में ये व्हीकल सक्षम होगा.

BEML और DRDO की भूमिका
BEML का रक्षा क्षेत्र में लंबा इतिहास रहा है. यह कंपनी पहले से ही भारतीय सेना के लिए टाट्रा ट्रक, बख्तरबंद रिकवरी वाहन और हाई मोबिलिटी वाहन-HMV बना चुकी है. हाल ही में BEML ने केरल के पलक्कड़ में स्थित अपनी फैसिलिटी में HMV 12x12 को पेश किया था. BEML ने इसे DRDO के व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट के साथ मिलकर विकसित किया गया था. बख्तरबंद वाहन को बनाने में DRDO भी सहयोग करेगा, जो अर्जुन टैंक, नाग मिसाइल और तेजस लड़ाकू विमान जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्व पूरा कर चुका है.

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