India Gaurav Bomb 1000 Kg: भारत ने एक ऐसा देसी बम बनाया है, जिसके चर्चे दूर-दूर तक हो रहे हैं. कई मीलों तक तबाही बचाने वाले इस बम का नाम 'गौरव' रखा गया है. ये लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम है. इस बम को फाइटर जेट से लॉन्च किया जा सकता है. यह बम ग्लाइड करने में सक्षम है, इसलिए यह Long-Range Glide Bomb-LRGB के नाम से भी जाना जा रहा है. इस बम का हाल ही में ट्रायल हुआ है, इसे Su-30 MKI फाइटर जेट से लॉन्च किया गया था.
क्या होता है ग्लाइड बम, कैसे लॉन्च होता है?
ग्लाइड बम ऐसा हथियार है, जो बिना किसी इंजन के ही हवा में लंबी दूरी तक ग्लाइड करता है. इसे सामान्य तौर पर ऊंचाई (30,000-40,000 फीट) पर से फाइटर जेट द्वारा छोड़ा जाता है. जिस समय बम छोड़ा जाता है, उस दौरान विमान की गति तेज होना जरूरी है. ऊंचाई और तेज गति बम को एनर्जी देती है, जिसके बाद ये नेविगेशन सिस्टम की मदद से टारगेट तक पहुंचता है. एयरक्राफ्ट से छोड़ेने के बाद इसके विंग खुलते हैं और हवा में ग्लाइडर की तरह उड़ते हुए निशाना बनाते हैं.
गौरव बम की 3 बड़ी खासियत
- यह 1000 किलोग्राम वजन का ग्लाइड बम है. इसे बंकरों या सैन्य ठिकानों को टारगेट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
- यह जीपीएस बेस्ड नेविगेशन सिस्टम और ऑनबोर्ड कंप्यूटर से लैस है. ये बम अपने पंखों के बल पर आगे का रास्ता तय करता है.
- इस बम की खास बात ये है कि यह 100 किमी तक ग्लाइड करने में सक्षम है.
इसका दूसरा वर्जन भी बना रहा भारत
भारत इस बम के दूसरे वर्जन पर भी काम कर रहा है, जिसे ‘गौतम’ नाम दिया गया है. हालांकि, यह गौरव बम से हल्का है. इसकी रेंज 30 किलोमीटर के आसपास है. जैसे गौरव में पंख लगे हैं, वैसा इसमें नहीं है.
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