भारत के वो 4 घातक हथियार, जिनसे कल रात IAF ने पाकिस्तान को चटाई धूल

India Pakistan war: पाकिस्तान ने बीती रात गुरुवार को भारत के कई हिस्सों में ड्रोल और मिसाइल अटैक किए. हालांकि, भारत की ओर मुंहतोड़ जवाब देते हुए अपने अत्याधुनिक हथियारों के दम पर इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया.

Written by - Bhawna Sahni | Last Updated : May 9, 2025, 12:54 PM IST
    • भारत ने नाकाम किए पाकिस्तानी हमले
    • भारत ने इस गन्स का किया इस्तेमाल
भारत के वो 4 घातक हथियार, जिनसे कल रात IAF ने पाकिस्तान को चटाई धूल

India Pakistan war: पाकिस्तान ने बीती रात 8 मई, गुरुवार को जम्मू, पठानकोट, उधमपुर, सांबा, अखनूर, कपुवाड़ा और राजस्थान सहित भारत के कई इलाकों में ड्रोन और मिसाइल से कई हमले कर दिए. हालांकि, भारतीय सेना और वायुसेना ने इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया. इन हमलों को असफल करने में भारत ने अपने एडवांस्ड हथियारों का बखूबी इस्तेमाल किया. वहीं, अब IAF ने उन हथियारों का भी खुलासा कर दिया है, जिनकी मदद से वह पाकिस्तान की 'नापाक' हरकतों को असफल कर पाए.

पाकिस्तान को धूल चटाने के लिए भारत जिन हथियारों का इस्तेमाल किया, उनमें CUAS गन, पेचोरा (S-125 Neva/Pechora), SAMAR और AD गन ने अहम भूमिका निभाई.

CUAS गन सिस्टम (Counter-Unmanned Aircraft System Gun)
CUAS ने पाकिस्तान की ओर से किए ड्रोन हमलों को नाकाम करने के लिए अहम भूमिका निभाई है. खासतौर पर इस सिस्टम ने जम्मू-कश्मीर में उन ड्रोन्स पर निशाना साधा जो कम ऊंचाई पर उड़ने वाले थे. यह सिस्टम, ऑप्टिकल सेंसर और रडार के साथ मिलकर ड्रोन को ट्रैक करने और फिर उसे तबाह करने का काम करती है. CUAS गन एक ऐसा सिस्टम है जिन्हें खासतौर पर ड्रोन और अन्य मानवरहित हवाई वाहनों (UAVs) को निष्क्रिय करने के लिए डिजाइन किया गया है.

CUAS की खूबियां
-तेज प्रतिक्रिया समय
- इसमें कम लागत में ड्रोन को नष्ट करने की क्षमता है.
- भारतीय सेना ने हाल के वर्षों में स्वदेशी CUAS प्रणालियों को तैनात किया है. DRDO द्वारा विकसित लेजर-आधारित सिस्टम इसमें से एक है.

पेचोरा (S-125 Neva/Pechora)
बीती रात पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम करने में पेचोरा सिस्टम की संभावित अहम भूमिका रही है. इसके एडवांस वर्जन पेचोरा-2M की बात करें तो यह क्रूज मिसाइलों और UAVs को रोकने में काफी प्रभावी मानी जा रही है. S-125 पेचोरा सोवियत निर्मित मिसाइल सिस्टम है. यह सतह से हवा में वार करने में सक्षम है. भारतीय वायुसेना पिछले कई दशकों से इस सिस्टम का इस्तेमाल करती आई है. यह सिस्टम मध्यम ऊंचाई वाले लक्ष्यों ड्रोन, फाइटर जेट्स और क्रूज मिसाइलों को निशाना बनाने में सक्षम है. 

पेचोरा की खूबियां
-रेंज- 35.4 किमी (पेचोरा-2TM)
-ऊंचाई- 0.02 से 25 किमी
- मिसाइल- 5V27, उच्च-विस्फोटक वारहेड के साथ
- रडार- SNR-125 पल्स डॉपलर रडार, जो जामिंग परिस्थितियों में भी प्रभावी है.
- भारतीय वायुसेना के पास 25 से अधिक पेचोरा स्क्वाड्रन हैं, जिन्हें डिजिटल अपग्रेड के साथ आधुनिक बनाया गया है.

SAMAR (Surface-to-Air Missile for Assured Retaliation)
SAMAR एक स्वदेशी सतह से हवा वाली मिसाइल प्रणाली है. इसे DRDO और भारतीय वायुसेना ने पुरानी रूसी मिसाइलों में सुधार करके फिर से विकसित किया है. इससे कम दूरी वाले ड्रोन, हेलीकॉप्टर और कम ऊंचाई वाले विमानों को निशाना बनाती है.

समर की खूबियां
-रेंज- लगभग 10-12 किमी
- लक्ष्य- कम ऊंचाई पर उड़ने वाले खतरे
- लागत-प्रभावी और स्वदेशी तकनीक पर आधारित

AD गन (Air Defence Gun)
भारतीय सेना और वायुसेना कई प्रकार की वायु रक्षा बंदूकें (Anti-Aircraft Guns) उपयोग करती हैं, जैसे L-70 बोफोर्स और ZU-23-2B. ये बंदूकें कम दूरी और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्यों, जैसे ड्रोन और हेलीकॉप्टर को नष्ट करने के लिए एक प्रभावी हथियार है.

AD गन की खूबियां
-L-70 बोफोर्स- 40 मिमी की बंदूक, रडार-निर्देशित, 3-4 किमी की रेंज
- ZU-23-2B- 23 मिमी की ट्विन-बैरल बंदूक, 2.5 किमी की रेंज
-स्वचालित लक्ष्य ट्रैकिंग और उच्च फायरिंग दर

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