T72 SDMR Rifle: भारत और पाक का तनाव भले कम हो गया है. लेकिन रक्षा के क्षेत्र में भारत लगातार इजाफा करता जा रहा है. अब बेंगलुरु की रक्षा कंपनी एसएसएस डिफेंस ने एक खास तरह की राइफल बनाई है. ये राइफल वेस्ट कंट्रीज में पॉपुलर स्क्वाड डेजिग्नेटेड मार्क्समैन राइफल्स से प्रेरित होकर बनाई गई है. इस राइफल का नाम 'T72 स्क्वाड डेजिग्नेटेड मार्क्समैन राइफल' रखा गया है. इसे सशस्त्र बलों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है.
T72 SDMR राइफल में क्या खूबियां हैं?
- यह राइफल 7.62x51mm नाटो कैलिबर में डिजाइन की गई है.
- यह राइफल 800 मीटर तक की दूरी पर टारगेट को निशाना बना सकती है.
- यह राइफल फ्री-फ्लोटिंग बैरल से लैस है, इससे सटीकता बढ़ती है.
- इसका डिजाइन एर्गोनोमिक और मॉड्यूलर है. इसका इस्तेमाल करना आसान है.
स्नाइपर का अच्छा विकल्प
अक्सर ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं कि सेना को स्नाइपर सिस्टम की जरूरत पड़ जाती है. लेकिन ये एक विशेष सिस्टम है, जो हरदम उपलब्ध नहीं हो पाता है. ऐसे में T72 SDMR राइफल स्नाइपर का अच्छा स्वदेशी विकल्प दे सकती है. इस राइफल का इस्तेमाल भारतीय सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस यूनिट्स कर सकती हैं. इसे विशेष रूप से सीमा पर घुसपैठ, आतंकवाद विरोधी अभियानों और बाकी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है. आमतौर पर इंडियन आर्मी Made in Russia के Dragunov Dmr राइफल पर निर्भर करती है. ये एक सेमी-ऑटोमेटिक स्नाइपर राइफल है. लेकिन इसकी आपूर्ति हर जगह नहीं हो पाती. अब भारत ने इसी की टक्कर की T72 SDMR देसी राइफल बना ली है. ये कदम 'आत्मनिर्भर भारत' को भी बढ़ावा देगा.
इस कंपनी ने बनाई राइफल
इसे बनाने वाली कंपनी SSS (स्टम्प शूले एंड सोमप्पा) डिफेंस बीते कुछ सालों में कई हथियार बना चुकी है. 2016 में स्थापित हुई इस कंपनी ने सेबर स्नाइपर राइफल्स और M72 कार्बाइन जैसी राइफल्स का निर्माण किया है.
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