पाक-चीन की 'तीसरी आंख' पर रहेगी भारत की नजर, 2026 तक होगा स्पाई सैटेलाइट का तगड़ा नेटवर्क!

India Satellite Network: भारत अंतरिक्ष में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए स्पेस-बेस्ड सर्विलांस-3 (SBS-3) प्रोजेक्ट के तहत एक शक्तिशाली सैटेलाइट नेटवर्क विकसित कर रहा है. ये 2026 तक तैयार होगा।इससे चीन और पाकिस्तान की जासूसी पर लगाम लगेगी, जिन्होंने पहले भारत पर निगरानी की थी. परियोजना की लागत सालाना 150 करोड़ रुपये होगी.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 14, 2025, 08:20 AM IST
  • प्रोजेक्ट के लिए इसरो 21 सैटलाइट्स विकसित करेगा
  • बाकी 31 सैटलाइट्स निजी कंपनियां डिजाइन बनाएंगी
पाक-चीन की 'तीसरी आंख' पर रहेगी भारत की नजर, 2026 तक होगा स्पाई सैटेलाइट का तगड़ा नेटवर्क!

India Satellite Network: भारत सीमा पर तो अपनी सुरक्षा को पुख्ता कर ही रहा है, अब अंतरिक्ष में भी ऐसा सैटेलाइट नेटवर्क बनाने जा रहा है, जो जासूसी गतिविधियों पर नजर रखेगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नेटवर्क फॉर स्पेस ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग एंड एनालिसिस (NETRA) प्रोजेक्ट के तहत शुरू होने वाले इस स्पेस-बेस्ड सर्विलांस-3 (SBS-3) प्रोजेक्ट का लक्ष्य 2026 तक एक मजबूत स्पाई सैटलाइट नेटवर्क स्थापित करना है. इस बात से सबसे अधिक चिंतित तो चीन और पाकिस्तान हुए हैं.

विदेशी सैटलाइट्स की गतिविधियों पर रहेगी नजर
एसबीएस-3 नेटवर्क विदेशी सैटलाइट्स की गतिविधियों पर नजर रखेगा. अक्सर ये बातें सामने आती रहती हैं कि कुछ देश सैटेलाइट से भारत की निगरानी कर रहे हैं. यह नेटवर्क इसरो के मौजूदा NETRA सिस्टम को पूरक होगा, जो पहले से ही 10 सेंटीमीटर तक के छोटे ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक करने में सक्षम है.

जब चीन ने की पाक के लिए भारत की जासूसी
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत-पाक के हालिया संघर्ष के दौरान चीनी सैटेलाइट ने भारत पर नजर रखी थी. रिपोर्ट में भारतीय रक्षा मंत्रालय के एक रिसर्च ग्रुप के हवाले से ये जानकारी दी गई कि चीन ने पाकिस्तान को हवाई रक्षा और सैटेलाइट सहायता दी. सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज के महानिदेशक अशोक कुमार ने ही कहा था कि चीन ने पाक को रडार और वायु रक्षा प्रणालियों को रीऑर्गनाइज करने में मदद की, ताकि इंडियन आर्मी के सैनिकों और हथियारों की तैनाती का पता लग सके. उन्होंने कहा कि चीन ने 22 अप्रैल के बाद से ही 15 दिनों के लिए भारत पर अपने सैटेलाइट से निगरानी रखी.

इसरो 21 सैटलाइट्स विकसित करेगा
इस प्रोजेक्ट के लिए इसरो 21 सैटलाइट्स विकसित करेगा, जबकि बाकी 31 सैटलाइट्स निजी कंपनियां डिजाइन करेंगी. इस परियोजना की लागत हर साल 150 करोड़ रुपये के आसपास होगी. अब चीन और पाकिस्तान की जासूसी गतिविधियों पर नकेल कसी जा सकेगी.

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