200 करोड़ का ये 'सैनिक' करेगा देश की रक्षा, भारतीय वायुसेना को मिलेगा ‘पोल-खोल’ रडार; लड़ाकू विमानो की खैर नहीं

Surya VHF Radar: भारत ने तकनीक क्षेत्र में लगातार काम कर रहा है. बता दें कि देश में बना Surya VHF Radar अब भारतीय वायुसेना की एंटी-स्टील्थ क्षमता को और मजबूत करेगा. यह रडार ऐसे लड़ाकू विमानों को पकड़ सकता है, जो नॉर्मल रडार से पकड़ में नहीं आते हैं.  

Written by - ritesh jaiswal | Last Updated : Oct 13, 2025, 10:08 PM IST
  • सूर्या रडार देखेगा अदृश्य दुश्मन विमान
  • भारत की एंटी-स्टील्थ क्षमता हुई मजबूत
  • ‘मेक इन इंडिया’ से बना स्वदेशी रडार
200 करोड़ का ये 'सैनिक' करेगा देश की रक्षा, भारतीय वायुसेना को मिलेगा ‘पोल-खोल’ रडार; लड़ाकू विमानो की खैर नहीं

Make In India Defense: Alpha Design Technologies Limited द्वारा विकसित यह रडार पूरी तरह स्वदेशी है. इसे भारतीय वायुसेना की जरूरतों के हिसाब से बनाया गया है. इसका उद्देश्य है भारत के हवाई सुरक्षा सिस्टम को और मजबूत किया जा सके. इससे भविष्य के युद्धों में स्टील्थ तकनीक वाले विमानों का भी मुकाबला किया जा सकेगा.

कैसे काम करता है सूर्या रडार
सूर्या रडार Very High Frequency बैंड में काम करता है. यह बैंड उन रडार तरंगों का उपयोग करता है जिनकी लंबाई ज्यादा होती है. ये तरंगें स्टील्थ कोटिंग और डिजाइन को पार कर सकती हैं. जहां सामान्य रडार ऐसे विमानों को नहीं पकड़ पाते है. VHF रडार विमान की बड़ी सतहों पर सिग्नल में बदलाव करके उसका पता लगाते हैं. 

Add Zee News as a Preferred Source

इस रडार की डिटेक्शन रेंज 360 किलोमीटर तक है. इससे यह एक बार में बहुत बड़े क्षेत्र की निगरानी कर सकता है. यह एक साथ कई जेट्स और लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और प्रति मिनट 10 बार घूमकर 360 डिग्री कवरेज देने में सक्षम है.

तेज तैनाती 
सूर्या रडार को दो 6x6 हाई-मोबिलिटी वाहनों पर लगाया गया है. इसका मतलब है कि इसे सीमा पर, एयरबेस या कठिन पहाड़ी क्षेत्रों में भी तेजी से लगाया जा सकता है. इसका सॉलिड-स्टेट और मॉड्यूलर डिजाइन इसे टिकाऊ और कम मेंटेनेंस वाला बनाता है. यह कठिन मौसम और किसी भी सिच्युएशन में भी लंबे समय तक लगातार काम करने में सक्षम है. 

मेक इन इंडिया का मजबूत कदम
ADTL को 200 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट के तहत कुल 6 सूर्या रडार सिस्टम भारतीय वायुसेना देना है. पहला सिस्टम मार्च 2025 में सौंपा गया था. बता दें कि हर नई डिलीवरी से भारत की हवाई सुरक्षा और मजबूत होती चली जाएगी. यह रडार अब भारत के Air Defence Ground Environment System में जोड़ा जा चुका है. इससे भारत का सुरक्षा सिस्टम और मजबूत हो जाएगा. 

भविष्य की सुरक्षा 
सूर्या रडार भारत की रक्षा तकनीक में एक बड़ी छलांग साबित हो सकती है. यह रडार न सिर्फ स्टील्थ विमानों बल्कि क्रुज मिसाइलों को भी पकड़ने में सक्षम है. 

यह भी पढ़ें: ₹7,350 करोड़ का 'गुप्त' मिशन, चीन के 'चुंबकीय चक्रव्यूह' को तोड़ेगा भारत; लगाए जाएंगे 5 बड़े प्लांट

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

 

About the Author

ritesh jaiswal

डिजिटल पत्रकार और साइंस के जानकार हैं, ट्रैवल सेगमेंट में काम करने का 6 महीने से ज्यादा एक्सपीरियंस है. विज्ञान और ट्रैवल की बारीक खबरों का अपडेट देते हैं. ...और पढ़ें

ट्रेंडिंग न्यूज़