ना राफेल ना Su-30? ये दो देसी लड़ाकू विमान बनेंगे भारत की स्ट्राइक ताकत, एक स्टील्थ तो दूसरा BVRAAM से लैस; बौराया दुश्मन

AMCA Tejas Mk-II fighter Jets: भारतीय वायुसेना (IAF) ने साफ कर दिया है कि भविष्य के हवाई युद्ध में सफलता के लिए उसे केवल एक नहीं, बल्कि दो अलग-अलग स्वदेशी फाइटर जेट्स की जरूरत है. ऐसे में, खास मिशनों के लिए 5वीं पीढ़ी के AMCA और 4.5वीं पीढ़ी के Tejas Mk-II दोनों की ही महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

Written by - Prashant Singh | Last Updated : Oct 9, 2025, 10:33 AM IST
  • AMCA और Tejas Mk-II बनेगा ताकत
  • स्टील्थ और घातक मिसाइल से होंगे लैस
ना राफेल ना Su-30? ये दो देसी लड़ाकू विमान बनेंगे भारत की स्ट्राइक ताकत, एक स्टील्थ तो दूसरा BVRAAM से लैस; बौराया दुश्मन

AMCA Tejas Mk-II fighter Jets: इंडियन एयरफोर्स भविष्य की जंग की तैयारी में जुट चुकी है. इसके लिए पूरा दारोमदार विदेश लड़ाकू विमानों के बजाय, देसी लड़ाकू विमानों पर होगा. यही वजह है कि भारत 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान AMCA और 4.5वीं पीढ़ी के Tejas Mk-II पर पूरे जोरशोर से लगी हुई है. IAF अधिकारी के मुताबिक, जहां AMCA अपनी स्टील्थ क्षमता के लिए जाना जाएगा, तो वहीं Tejas Mk-II को भारी हथियार ले जाने की क्षमता और लंबी दूरी की BVRAAM यानी बियॉन्ड विज़ुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. 

AMCA और Tejas Mk-II बनेगा ताकत
इंडियन एयरफोर्स के ये दोनों लड़ाकू विमान, भविष्य की लड़ाइयों के लिए तैयार किए जा रहे हैं. ऐसे में आइए इन दोनों की खूबियों के बारे में जानते हैं.

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1. AMCA-
AMCA को खास तौर पर सबसे मुश्किल मिशनों के लिए तैयार किया जा रहा है. इंडियन एयरफोर्स के मुताबिक, AMCA का सबसे बड़ा हथियार उसकी स्टील्थ क्षमता है. यह दुश्मन के रडार को चकमा देकर उसके क्षेत्र में घुस सकता है.

इतना ही नहीं, 'सीड मिशन' यानी SEAD - Suppression of Enemy Air Defenses मिशन में दुश्मन के रडार और एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम को ध्वस्त करना होता है. स्टील्थ AMCA इन खतरनाक ठिकानों को चुपके से निशाना बनाने और 'पहले वार' में ही उन्हें नष्ट करने में सक्षम होगा.

साथ ही, युद्ध के मैदान में इसकी अदृश्यता इसे लंबी अवधि तक टिके रहने और दुश्मन के सबसे एडवांस फाइटर जेट्स से मुकाबला करने की क्षमता देगी.

2. Tejas Mk-II
Tejas Mk-II एक 4.5वीं पीढ़ी का एडवांस फाइटर जेट है. अपनी अलग-अलग खूबियों के कारण बेड़े में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. Mk-II को AMCA की तुलना में ज्यादा भारी हथियार और ईंधन ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह जरूरत पड़ने पर बड़ी संख्या में मिसाइलों या बमों के साथ उड़ान भर सकता है.

IAF अधिकारी के मुताबिक, Tejas Mk-II मुख्य रूप से लंबी दूरी की BVRAAM मिसाइलें ले जाने के लिए जरूरी होगा. यह दुश्मन को नजदीक आने से पहले ही, विज़ुअल रेंज से परे निशाना बनाने की क्षमता को कई गुना बढ़ाएगा.

हालांकि, Mk-II की कीमत AMCA की तुलना में कम होगी, जिससे IAF कम बजट में बड़ी संख्या में एडवांस फाइटर जेट्स को अपने बेड़े में शामिल कर सकेगा.

संतुलित बेड़े की रणनीति
इंडियन एयरफोर्स की यह रणनीति साफ करती है कि भविष्य के युद्ध में जीत केवल सबसे महंगे विमानों से नहीं मिलेगी, बल्कि सबसे उपयुक्त विमानों के सही इस्तेमाल से मिलेगी. ऐसे में, AMCA मुख्य रूप से हमलावर और SEAD की भूमिका निभाएगा, जबकि Tejas Mk-II मुख्य रूप से हवाई रक्षा और समर्थन मिशनों में शामिल होगा.

दोनों विमानों में कई स्वदेशी तकनीकें और डिवाइस साझा होंगे, जिससे रखरखाव और ऑपरेशनल लागत को कम रखने में मदद मिलेगी. यह दो-टायर फाइटर जेट रणनीति भारतीय वायुसेना को क्षेत्रीय खतरों के मुकाबले एक लचीला और मजबूत रक्षा ढांचा प्रदान करेगी.

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