Indian Army Ambala drone exercise: भारत समेत पूरी दुनिया पारंपरिक युद्ध के तरीके से ध्यान हटाकर मॉडर्न वॉरफेयर पर फोकस कर रही है. मॉडर्न वॉरफेयर में स्वदेशी टेक्नोलॉजी मील का पत्थर साबित हो सकती है. ऐसा ही कुछ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखने के मिला था. जब पाकिस्तान मेड इन चाइना और मेड इन तुर्किए ड्रोन से हमला कर रहा था तो भारत ने मेड इन इंडिया ड्रोन का इस्तेमाल कर काउंटर अटैक किया था. अब भारत ने मॉडर्न स्वदेशी हथियारों की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ाया है. दरअसल भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने एक्सरसाइज में अपनी ड्रोन क्षमता का प्रदर्शन किया है.
'सैन्य कार्रवाइयों का अहम हिस्सा ड्रोन'
ड्रोन अभ्यास के बाद जनरल कटियार ने बताया कि अब ड्रोन सैन्य कार्रवाइयों का अहम हिस्सा बन चुके हैं. हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी दुश्मनों के ड्रोन्स पर काउंटर अटैक कर नष्ट किए थे. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि अगले युद्ध में हमें कम से कम 1,000 ड्रोन चाहिए.
इसलिए सेना ड्रोन बनाने में लोकल इंडस्ट्री की मदद लेना चाहती है. कटियार का कहना है कि ड्रोन सिर्फ लड़ाई के लिए नहीं है, बल्कि इसके कई सिविलियन इस्तेमाल हैं. इसलिए ड्रोन चलाने के लिए महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि भारतीय सेना के जवानों को ड्रोन ऑपरेशन और काउंटर-ड्रोन टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि आने वाली हर चुनौतियों के लिए तैयार रहें.
देश में ही निर्मित होंगे जंगी ड्रोन
अंबाला में सेना ने टैक्टिकल ड्रोन की तैनाती, सुरक्षात्मक मानचित्र और बम गिराने की क्षमता का व्यावहारिक प्रदर्शन किया. इस दौरान जनरल कटियार ने कहा कि आपने ड्रोन की काबिलियत देखी है. हम टैक्टिकल ड्रोन के साथ अभ्यास कर रहे हैं, जिन्हें हम खुद बनाते हैं.
जनरल का कहना है कि हमें भारी संख्या में ड्रोन चाहिए होंगे. इस लिए ड्रोन निर्माण में हमें लोकल इंडस्ट्री की मदद लेनी होगी. इस निर्माण कार्य तेजी से होगा. साथ ही नौकरियों और रक्षा उत्पादकता को बढ़ाने का अवसर भी मिलेगा.
काउंटर-ड्रोन अटैक से मिला सबक
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन से हमले की कोशिश की थी, जिसमें से ज्यादातर को भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही नष्ट कर दिया था. हालांकि, कुछ ड्रोन आबादी वाले क्षेत्रों में गिरे थे, जिनसे नाम मात्र की क्षति पहुंची थी.
कटियार ने बताया कि उन अनुभवों से सीख कर तैयारी और भी सख्त की गई है. उन्होंने कहा कि भविष्य में कभी लड़ाई हुई तो हम उन्हें बर्बाद कर देंगे. इस बार ड्रोन बनाने के साथ ही जवानों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है, जिसका मतलब साफ है. तैयारी तगड़ी है, एक बार फिर पाकिस्तान को रहम की भीख मांगनी पड़ सकती है.
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