Jammu and Kashmir bomb defused: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान तिलमिला उठा था. भारत ने स्ट्राइक आतंकियों पर की, लेकिन दर्द पाकिस्तान आर्मी को हुआ. यही वजह रही कि पाकिस्तान ने हमले की नापाक कोशिशें की. भारतीय सेना के सामने अपनी भद्द पिटवाने के बाद कुछ नहीं सूझा, तो पाक आर्मी ने आम नागरिकों को निशाना बनाना शुरू किया. ऐसे में तनाव थमने के बाद पुंछ जिले में LoC के पास भारतीय सेना एक बड़ा ऑपरेशन चला रही है. जिसके तहत इलाकों को आम नागरिकों के लिए सुरक्षित बनाया जा रहा है. इस दौरान, भारतीय सेना ने मिले 42 जिंदा बमों को नष्ट किया है.
नागरिक इलाकों से मिले जिंदा बम
पाकिस्तान आर्मी जब भारतीय सेना से मुकाबला नहीं कर पाई, तो रिहायशी इलाकों को निशाना बनाना शुरू किया. जिसकी जद में एलओसी से सटे गांव आए. जिसके चलते 15 से अधिक आम नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी. ऐसे में भारतीय सेना उन इलाकों को दोबारा सुरक्षित बनाने में जुटी हुई है.
जिसके तहत झुल्लास, सलोतड़ी और सलानी गांवों में 42 जिंदा बम मिले. ये सभी बम पाकिस्तान की तरफ से हालिया गोलीबारी के दौरान दागे गए थे और बम नागरिक इलाकों में गिरने के कारण बड़ी संख्या में लोग खतरे में आ गए थे.
सेना ने बमों को लेकर क्या कहा?
सेना और स्थानीय प्रशासन को सूचना मिलते ही तुरंत बम डिस्पोजल टीमों को मौके पर भेजा गया. जांच में पता चला कि ये सभी बम पाकिस्तान की तरफ से की गई क्रॉस-बॉर्डर शेलिंग के अवशेष थे, जो किसी भी समय फट सकते थे. वहीं, रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि सेना ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर एक कंट्रोल्ड ऑपरेशन चलाया और सभी 42 जिंदा बमों को सुरक्षित तरीके से नष्ट किया. ऑपरेशन में सभी सुरक्षा मानकों का पूरा पालन किया गया ताकि किसी भी नागरिक या संपत्ति को कोई नुकसान न हो.
सेना ने यह भी कहा कि यह ऑपरेशन उनके इस संकल्प को दर्शाता है कि वे सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं. इस कदम से इलाके में सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में बड़ी राहत मिली है.
पाक आर्मी ने नागरिकों को बनाया था निशाना
7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया. जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया था. इसके जवाब में 8 से 10 मई के बीच पाकिस्तान आर्मी ने नापाक हमले की कोशिश की और आम नागरिक इलाकों को भी निशाना बनाया.
इस दौरान भारी गोलीबारी और बमबारी की गई, जिसमें बड़ी संख्या में बम भारतीय सीमा के गांवों में गिरे. हालांकि, भारतीय सेना ने तत्काल मोर्चा संभालते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा और अब बम नष्ट कर खतरे को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ा था तनाव
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक गहमागहमी रही. 10 मई को दोनों देशों ने संघर्ष विराम का फैसला लिया, लेकिन उससे पहले पाकिस्तानी हमलों ने सीमावर्ती गांवों में डर का माहौल पैदा कर दिया था. सेना के मुताबिक, ये 42 बम उसी संघर्ष के दौरान दागे गए थे, जिनका उद्देश्य सिर्फ सैन्य ठिकाने नहीं, बल्कि आम नागरिकों में दहशत फैलाना था. सेना की यह कार्रवाई न केवल सुरक्षा उपाय है, बल्कि यह पाकिस्तानी सेना की नागरिक विरोधी रणनीति को भी बेनकाब करती है.
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