Indian Army Deploys VMIMS: भारत ने अपनी सीमा सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सिक्किम में 'व्हीकल माउंटेड इन्फैंट्री मोर्टार सिस्टम' (VMIMS) तैनात कर दिया है. यह आधुनिक हथियार सिस्टम भारतीय सेना को ऊंचाई वाले दुर्गम इलाकों में तेजी से कार्रवाई करने और दुश्मन के किसी भी खतरे का प्रभावी ढंग से जवाब देने में सक्षम बनाएगी. VMIMS की यह तैनाती ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को भी दर्शाती है. चीन के साथ लगती लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत की यह नई तैनाती न सिर्फ सामरिक बढ़त देगी बल्कि दुश्मन के किसी भी दुस्साहस को रोकने के लिए तैयार रहेगी.
क्या है VMIMS और क्यों है खास?
VMIMS एक ऑटोमेटेड, तेजी से तैनात होने वाला मोर्टार सिस्टम है, जिसे महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स लिमिटेड (MDSL) ने विकसित किया है. इस VMIMS (व्हीकल माउंटेड इन्फैंट्री मोर्टार सिस्टम) में 81 मिमी का ‘अलकान-एल’ (Alakran-L) मोर्टार लगाया गया है, जो 4×4 ‘आर्माडो’ (Armado) बख्तरबंद वाहन के पीछे माउंट किया गया है.
VMIMS की खूबियों ने चीन की बढ़ाई टेंशन
पारंपरिक मोर्टार सिस्टम की तुलना में VMIMS को कई गुना तेजी से तैनात किया जा सकता है. इसमें ऑटोमेटेड कंट्रोल सिस्टम लगा हुआ है, जो डिजिटल फायर कंट्रोल और तुरंत बैरल अलाइनमेंट से सटीक निशाना साधने में सक्षम है. वहीं बख्तरबंद आर्माडो ALSV से लैस होने के चलते, यह ऊबड़-खाबड़, पहाड़ी रास्तों पर आसानी से चल सकता है.
वहीं VMIMS हाई-एक्सप्लोसिव, स्मोक और इल्यूमिनेशन राउंड दागने में सक्षम है, जो 5 किलोमीटर से अधिक मारक क्षमता रखता है. बख्तरबंद प्लेटिंग सैनिकों को छोटे हथियारों की गोलीबारी और गोलों के टुकड़ों से मजबूती से बचाता है.
सिक्किम में तैनाती क्यों है महत्वपूर्ण?
सिक्किम के ऊंचाई वाले और दुर्गम इलाके युद्ध के लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं. यहां ठंड, कम ऑक्सीजन और सीमित इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से सैनिकों को तुरंत और प्रभावी जवाबी कार्रवाई की जरूरत होती है. जबकि मोबाइल मोर्टार सिस्टम, पारंपरिक तोपों की तुलना में अधिक लचीला और तेज होता है. 2020 के गलवान संघर्ष के बाद भारत ने अपनी उत्तरी सीमाओं पर सैन्य उपस्थिति को और मजबूत किया है.
वर्तमान में चीन के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए, भारतीय सेना को तेजी से हमले और बचाव की क्षमता बढ़ाने की जरूरत थी. इस दिशा में VMIMS की तैनाती एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसकी मदद से दुश्मन की हरकतों पर नजर रखना और किसी भी खतरे को तुरंत जवाब देना संभव होगा.
सेना को कब मिला यह सिस्टम?
मार्च 2021 में, महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स को भारतीय सेना की टोही और हथियार वाहक आवश्यकताओं के लिए बख्तरबंद सामरिक वाहनों (लाइट स्पेशलिटी व्हीकल) के निर्माण के लिए एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था. महिंद्रा आर्मडो का उत्पादन और सशस्त्र बलों को पहली डिलीवरी 16 जून, 2023 को शुरू हुई. जिसकी घोषणा महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स ने DefExpo 2022 में की थी.
VMIMS की तैनाती के साथ, भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो ऊंचाई वाले इलाकों में अत्याधुनिक ऑटोमेटेड मोर्टार सिस्टम तैनात करने में सक्षम हैं. यह सिस्टम अब भारतीय सेना की मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा. सिक्किम में VMIMS की तैनाती से LAC पर, चीन की हर हरकत पर करीबी नजर रखी जा सकेगी और किसी भी संभावित संघर्ष में यह सिस्टम निर्णायक साबित होगी.