अब एम-777 होवित्जर तोपों के जरिए पाक के सीजफायर उल्लंघन से निपटेगा भारत

भारतीय सेना हाल के दिनों में अपने जंगी जखीरों को समय-समय पर मांझती हुई नजर आ रही है. कहते हैं कि शक्तिशाली देश ही शांति की बात कर सकता है. भारत भी इसी नीति पर काम कर रहा है. भारतीय सेना ने सोमवार को राजस्थान के पोखरण में एम-777 होवित्जर तोपों का परीक्षण किया और तोपों के जरिए सटीक निशानों को टारगेट कर पाने में सफल परीक्षण किया. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 11, 2019, 04:25 PM IST
    • पहाड़ी इलाकों में आसानी से कर सकता है दुश्मन सेना के दांत खट्टे
    • अमेरिका से कुल 145 एम-777 मंगाने की डील डन
अब एम-777 होवित्जर तोपों के जरिए पाक के सीजफायर उल्लंघन से निपटेगा भारत

नई दिल्ली: भारतीय सेना लगातार अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए कुछ न कुछ परीक्षण और अस्त्र-शस्त्र की खरीद बिक्री कर रही है. इतना ही नहीं भारतीय सेना के जंगी हथियारों को स्वदेशी कंपनियां भी तैयार कर रही हैं. डीआरडीओ भी भारतीय सेना के लिए कई शस्त्रों को तैयार कर रहा है. सोमवार को भारतीय सेना ने अमेरिका से खरीदे गए एम-777 होवित्जर तोपों से एक्सकैलिबर गाइडेड गोले-बारूद निशाने को भेदने का परीक्षण किया और यह परीक्षण पूरी तरह से सफल भी रहा. हालांकि इसका वीडियो मंगलवार को शाम के वक्त जारी किया गया है.

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सीजफायर का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए इस्तेमाल होगा एम-777
सेना का यह परीक्षण तोपों के जरिए गोला बारूदों के ढेरों को निशाना बनाने के लिहाज से काफी अहम है. होवित्जर तोप के गोलों ने परीक्षण में दीवारों को 8 से 10 इंच तक भेद दिया. इसका परीक्षण इसलिए भी किया गया क्योंकि सीमा पर लगातार पाक सेना और आतंकियों की ओर से किए जा रहे सीजफायर के उल्लंघन और मोर्टार दागे जाने से आम जनजीवन का काफी नुकसान होता है. अब भारतीय सेना सीमा पर एम-77 होवित्जर तोपों के इस्तेमाल के जरिए इस खतरे को टालने की कोशिश करेगी. 

अमेरिका से कुल 145 एम-777 मंगाने की डील हुई है डन
एम-777 होवित्जर तोपों को खरीदने का डील अमेरिका के साथ नवंबर 2016 में ही फाइनल कर लिया गया था. इस डील में भारतीय सेना ने अमेरिका से कुल 145 M-777  होवित्जर तोपों की मांग की थी जिसकी कुल लागत 5070 करोड़ रुपए के करीब आई थी. अमेरिका इसकी तकनीक को आधुनिक कर के इसे भारत को सौंप रहा है. ठीक दो साल बाद नवंबर 2018 में तात्कालीन रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने सेना को यह तोप सौंपा. इसकी मारक क्षमता बेमिसाल है. 30 किमी तक के टारगेट के चिथड़े उड़ा देने वाला यह होवित्जर तोप अब भारतीय सेना के जखीरों की शोभा बढ़ाएगा. 

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हाल के दिनों भारत-अमेरिका के बीच रक्षा उपक्रम की खरीद-बिक्री और तैयार करने की तकनीक काफी बढ़ी है. भारत अमेरिका से सबसे अधिक रक्षा तकनीक खरीदता है. न सिर्फ होवित्जर तोप बल्कि कई ऐसे रक्षा उपक्रम हैं जो अमेरिका भारत को सौंपने वाला है. 145 एम-777 के अलावा 100 K-9 तोप की भी डील डन हो चुकी है, जो अमेरिका भारत को 2020 तक सौंपेगा. इसकी लागत कुल 4,366 करोड़ रुपए तक आने वाली है. 

पहाड़ी इलाकों में आसानी से कर सकता है दुश्मन सेना के दांत खट्टे
ऐसा माना जा रहा है कि एम-777 पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में भारतीय सेना की मजबूती बढ़ाने में काफी मददगार होगा. यह पहाड़ी इलाकों में आसानी से पहुंचाया जा सकता है और इस्तेमाल में लाया जा सकता है. मालूम हो कि होवित्जर तोपों का इस्तेमाल कई युद्धों में कई देश कर चुके हैं. यह वजन में भी बहुत भारी नहीं होता. एम-777 को अफगानिस्तान युद्ध में भी इस्तेमाल में लाया गया था. ऊंचाई वाले इलाकों में इसे हेलिकॉप्टर से आसानी से पहुंचाया जा सकता है. 

इस सफल परीक्षण के बाद जहां एक ओर भारतीय सेना की शक्ति बढ़ी है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान और चीन जो लगातार सीमा पर अराजकता फैलाने की कोशिश करते रहते हैं, उनपर दबाव बढ़ने वाला है. 

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