भारत का ये ड्रोन छुड़ा देगा चीन और पाक का पसीना, इसके ताबड़तोड़ हमलों से टैंक ही हो जाएगा भस्म!

Indian Army Next Gen Anti Tank Drone: भारतीय सेना आधुनिक युद्ध के लिए अगली पीढ़ी का एंटी-टैंक ड्रोन विकसित कर रही है, जो इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक वातावरण में काम करेगा. प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर बनाए जा रहे ये ड्रोन GPS, इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS), टेरेन कॉन्टूर मैचिंग (TERCOM) और AI-आधारित विज़ुअल नेविगेशन से लैस होंगे. ये टैंकों को निशाना बनाने में सक्षम होंगे, जिन्हें कोप केज से बचाव मिलता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 20, 2025, 07:51 AM IST
  • एंटी-टैंक ड्रोन डेवलप करने की दिशा में कदम बढ़ाया
  • आर्मी प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर करेगी ये काम
भारत का ये ड्रोन छुड़ा देगा चीन और पाक का पसीना, इसके ताबड़तोड़ हमलों से टैंक ही हो जाएगा भस्म!

Indian Army Next Gen Drone: आधुनिक युग में युद्ध भी मॉडर्न होते जा रहे हैं. ऐसे-ऐसे हथियार आ चुके हैं, जो सैकड़ों किलोमीटर दूर से ही खतरनाक हमले कर देते हैं. हालांकि, कुछ पारंपरिक हथियार भी हैं, जो पहले के मुकाबले अब ताकतवर ही चुके हैं. युद्धक टैंक यानी MBT भी बेहद घातक हो चुका है. लेकिन भारत ने इससे निपटने का प्रयास तेज कर दिया है. भारत अगली पीढ़ी का ड्रोन विकसित कर रहा है, जिसमें एंटी-टैंक क्षमताएं होंगी.

इलेक्ट्रो मैग्नेटिक वातावरण में काम करेगा ये ड्रोन
इंडियन आर्मी ने प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर एंटी-टैंक ड्रोन डेवलप करने की दिशा में कदम बढ़ाया है. आईडीआरडब्ल्यू की रिपोर्ट बताती है, ये ड्रोन GPS से लैस होंगे. इलेक्ट्रो मैग्नेटिक वातावरण में काम करने में भी सक्षम होंगे. हाल सालों में टैंक कोप केज से लैस हो रहे हैं. यानी इनके ऊपर जालियां लगाई जा रही है, जो ड्रोन अटैक से बचाने का काम करती हैं.

गेम चेंजर साबित होगा ये ड्रोन
रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत-पाकिस्तान झड़पों जैसे संघर्षों के साथ ड्रोन युद्ध के मैदान में गेम चेंजर साबित हो सकते हैं. आर्मी ने दुश्मन के टैंकों को निशाना बनाने के लिए TASL ALS-50 लोइटरिंग म्यूनिशन और स्वदेशी फर्स्ट-पर्सन व्यू (FPV) जैसे ड्रोन का इस्तेमाल कर ही है. हालांकि, ये ड्रोन एंटी-टैंक ताकत से लैस नहीं हैं, ऐसे में भारत को ऐसे ड्रोन की दरकार रही है जो टैंक का खात्मा कर दे.

इंडियन आर्मी को ऐसे ड्रोन की जरूरत
सेना ऐसे नेविगेशन सिस्टम वाले ड्रोन चाहती है जो ऐसे वातावरण में काम कर सकें, जहां GPS को जाम करने वाले सिस्टम लगे हों. ORF-2023 की रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में देखी गई जैमिंग और स्पूफिंग जैसी तकनीक GPS पर डिपेंडेंट ड्रोन को अप्रभावी बना सकती हैं. लेकिन अब बन रहे ड्रोन को इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS), टेरेन कॉन्टूर मैचिंग (TERCOM) और AI बेस्ड विज़ुअल नेविगेशन से इंटीग्रेट किया जाएगा.

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