Wire Guided FPV Drone: भारतीय सेना आधुनिक युग में अपने हथियारों को भी लगातार अपडेट कर रही है. साथ ही ऐसे नए वेपन भी बना रही है, जो भविष्य में होने वाले युद्ध में भारत का परचम फहरा सकें. अब भारत ने वायर-गाइडेड फर्स्ट-पर्सन व्यू (FPV) ड्रोन तैयार कर लिए हैं. ये ड्रोन Electronic Warfare - EW के खिलाफ मजबूत माने जाते हैं. माना जा रहा है कि पैदल आर्मी को इनसे फायदा हो सकता है.
हैकिंग और जैमिंग संभव नहीं
FPV ड्रोन मानव रहित हवाई वाहन (UAV) है. ये रियल-टाइम वीडियो फीड देता है, जिससे ऑपरेटर सीधे तौर पर दुश्मन को देख सकता है और उसे टारगेट कर सकता है. पारंपरिक FPV ड्रोन रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करते हैं. इनकी खास बात यह है कि ये FPV ड्रोन फाइबर-ऑप्टिक केबल या तार के जरिये नियंत्रित होते हैं. इसका फायदा ये है कि इन्हें जैमिंग और हैकिंग से बचाया जा सकता है.
इसकी रेंज 2 से 10 किलोमीटर
भारतीय सेना का यह नया ड्रोन 2 से 10 किलोमीटर की रेंज में काम कर सकता है. इसे विशेष रूप से सटीक हमलों के लिए डिजाइन किया गया है. इसकी आवाज और तेज गति दुश्मनों पर मनोवैज्ञानिक दबाव डालती है, जिससे यह युद्ध के मैदान में एक भयानक हथियार बन जाता है.
रूस-यूक्रेन के जंग में ऐसे ड्रोन का हुआ इस्तेमाल
रूस-यूक्रेन युद्ध में ऐसे ड्रोन इस्तेमाल किए गए हैं. इस जंग में वायर-गाइडेड ड्रोन ने टैंक, बख्तरबंद वाहनों और किलेबंदी को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाई. भारतीय सेना ने इस तकनीक को न केवल अपनाया, बल्कि इसे अपनी तरीके से मॉडिफाई भी किया है,
पैदल सेना को खास फायदा देगा
यह ड्रोन को विशेष रूप से पैदल सेना के लिए डिजाइन किया गया है. सैनिक इसे आसानी से ले जा सकते हैं और युद्धक्षेत्र में तुरंत तैनात कर सकते हैं. इसका हल्का और कॉम्पैक्ट डिजाइन इसे कठिन इलाकों जैसे- पहाड़ी क्षेत्रों और जंगलों में भी संचालन के योग्य बनाता है.
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